दूरस्थ अंचलों तक बेसिक लाइफ़ सपोर्ट की जागरूकता आवश्यक
भोपाल। राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि आपातकालीन चिकित्सा में फर्स्टऑवर अर्थात गोल्डन ऑवर बहुत महत्वपूर्ण होता है। इस अवधि में त्वरित और सटीक मेडिकल सहायता से कई लोगों को जीवन दान मिल सकता है। इसलिए दूरस्थ ग्रामीण अंचलों तक बेसिक लाइफ़ सपोर्ट की जागरूकता आवश्यक है। स्वास्थ्य कर्मियों को भी आपातकालीन चिकित्सा के नवीनतम प्रोटोकॉल्स से अपडेट करें। राज्यपाल पटेल इमरजेंसी मेडिसिन के 20वें राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे।
राज्यपाल श्री पटेल ने आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं को प्रभावी बनाने और चिकित्सा नवाचारों के लिए एम्स और आयोजकों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि कॉन्फ्रेंस में विद्वानों और विशेषज्ञों के मंथन से आपातकालीन चिकित्सा की बेहतरी के लिए जो समाधान और सुझाव रूपी अमृत निकला है, उसे समाज को ज्यादा से ज्यादा बांटने का प्रयास करें।
राज्यपाल ने कहा कि भारत जैसे विशाल जनसंख्या वाले देश के लिए हेल्थकेयर विशेष रूप से इमरजेंसी हेल्थकेयर एक चुनौती है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में इमरजेंसी हेल्थ केयर की चुनौतियों के समाधान का व्यापक स्तर पर प्रयास किया जा रहा है। एडवांस लाइफ़ सपोर्ट, बेसिक लाइफ़ सपोर्ट, एम्बुलेंस आदि सेवाओं को बेहतर किया जा रहा है। प्रदेश सरकार भी आपातकालीन चिकित्सा सेवा के नये केंद्रों की स्थापना और अत्याधुनिक चिकित्सा सेवा की दिशा में कार्य कर रही है।
साइक्लोथॉन जनजागरूकता का प्रभावी माध्यम
राज्यपाल ने कहा कि आपातकालीन परिस्थितियों में लोगों को जागरूक बनाने साइक्लोथॉन प्रभावी माध्यम है। उन्होंने एम्स भोपाल की इस पहल की सराहना की। राज्यपाल श्री पटेल ने आशा व्यक्त की कि साइक्लोथॉन का आयोजन आपातकालीन चिकित्सा के प्रति समाज में सकारात्मकता के प्रसार में सफल होगी। साथ ही इमरजेंसी मेडिसिन के क्षेत्र में एम इंडिया-2024 भी मील का पत्थर साबित होगा।