वर्षा फसल के मुताबिक हुई लेकिन जल संचय की स्थिति में नहीं हुई शिप्रा में आ रहा भरपूर पानी त्रिवेणी बैराज से मात्र 1 फीट नीचे -पिछले साल डेम के गेट खुले थे इस बार 500 एमसीएफटी पानी

दैनिक अवंतिका उज्जैन

उज्जैन।करीब सवा दो माह के मानसून सत्र में शिप्रा नदी में जमकर पानी आ रहा है। देवास और इंदौर से खान का पानी भी समाहित हो रहा है। त्रिवेणी बैराज के गेट खुले हुए हैं, लेकिन जिले के जल संचय के डेम और तालाब अब भी खाली पडे हुए हैं। कुए और नलकूपों में भी पानी आया और उनका जलस्तर बढ गया है। पिछले वर्ष इस दौरान गंभीर डेम के गेट खुले हुए थे और गेट खोलकर पानी बहाया जा रहा था।

इस वर्ष अब तक हुई वर्षा फसल के मुताबिक रही है जल संचय की स्थिति में नहीं रही है। जिले में स्थित जल संचय के गंभीर डेम एवं तालाबों में अब तक आया पानी सिर्फ मिट्टी की दरारों को ही पूर्ण कर पाया है। किसी भी तालाब की आवक पूर्व वर्षों के मानिंद नहीं कही जा सकती है। उज्जैन नगर की प्यास बुझाने वाला गंभीर डेम मात्र 500 एमसीएफटी जल राशि अपने में समेटे हुए है जबकि इसकी क्षमता 2250 एमसीएफटी की है। यही स्थिति जिले के बडे तालाबों की है। वैसे अभी मानसून सत्र का पौने दो माह का समय शेष है ऐसे में भादौ में मुसलाधार से जल संचय के डेम और तालाबों के भरने की उम्मीद बनी हुई है।

शिप्रा में भरपुर आवक-

नगरीय क्षेत्र में शिप्रा के त्रिवेणी बैराज से पीएचई नगर निगम की स्थिति शुरू हो जाती है। नगरीय क्षेत्र से बाहर के बैराज जल संसाधन विभाग के तहत आते हैं। त्रिवेणी बैराज पर शिप्रा की क्षमता साढे 16 फीट है। इस बैराज में 2-2 मीटर की लंबाई एवं चौडाई के 2 गेट लगे हुए हैं। वर्तमान में ये गेट खुले हुए हैं और शिप्रा का लेबल साढे 15 फीट चल रहा है। यह आवक दो तरफ से होती है। देवास की और से शिप्रा में पानी की आवक होती है और इंदौर की और से खान से भी आवक हो रही है। खान में जमकर पानी की आवक बनी हुई है।

गंभीर में 500 एमसीएफटी जल राशि-

गंभीर नदी पर अंबोदिया में बने बांध में इस वर्ष अब तक जल संचय की स्थिति 500 एमसीएफटी के लगभग है। इसकी कुल क्षमता 2250 एमसीएफटी की है। इसके भरने के लिए इंदौर जिले के देपालपुर ,गौतमपुरा ,यशवंत सागर क्षेत्र में जमकर वर्षा होने से आवक बनती है। इस वर्ष इंदौर जिले के इन क्षेत्रों में मुसलाधार बारिश की स्थिति कमजोर रही है। यशवंत सागर डेम भी खाली होने से अभी भर ही रहा है। उसके गेट खोलने की भी स्थिति नहीं बनी है। ऐसे में गंभीर डेम में मात्र 500 एमसीएफटी ही पानी संचय हो सका है। पिछले वर्ष इन दिनों में डेम के कुछ गेट खोलकर पानी बहाना पड रहा था।

साहेबखेडी में एक चौथाई जल राशि-

साहेबखेडी जलाशय में भी इस बार एक चौथाई जल राशि ही आई है। इस जलाशय की कुल क्षमता 446.20 एमसीएफटी है ओर इस वर्ष अब तक जलाशय मात्र 140.46 एमसीएफटी जल राशि ही संचय कर सका है। इसके पास ही उंडास जलाशय में यही स्थिति बनी हुई है। ये दोनों तालाब वैसे तो जल संसाधन विभाग के तहत हैं लेकिन इन पर नगर निगम पीएचई का प्लांट स्थापित है और नगर निगम पीएचई इनसे पानी खरीदी करता है।

जिले के तालाबों में भी 33.73 फीसदी ही पानी-

जल संसाधन विभाग की योजनाओं में जिले में वृहद स्तर की कोई योजना नहीं है। मध्यम स्तर के दो तालाबों में अरनिया बहादुर एवं इंदौरख बैराज हैं। इनके साथ ही 52 लघु योजना के तालाब हैं। इनमें कुल 958.08 मीटर जलस्तर और क्षमता 148.320मीटर है। कार्यपालन यंत्री मयंकसिंह के अनुसार जिले के तालाबों में अब तक औसत 33.73 प्रतिशत ही जल भराव  की स्थिति बनी है। इनमें से  6 में लेबल से भी नीचे जल राशि है। 21 तालाब 0-25 प्रतिशत जलराशि समेटे हैं।7 तालाब 26-50 प्रतिशत की स्थिति में हैं। 7 तालाब 51-75 प्रतिशत की स्थिति में हैं। 3तालाब 76-99 प्रतिशत जलराशि समेटे हैं। इनके साथ ही 10 तालाब पुरी तरह से भर चुके हैं।

जिले में बारिश की स्थिति

तहसील             इस वर्ष अब तक      पिछले वर्ष

उज्जैन             536.0                603.0

घट्टिया            386.0                 367.3

खाचरौद          406.0               515.0

नागदा             609.5              670.0

बडनगर           426.0             514.0

महिदपुर          449.0              508.0

झार्डा           557.2               610.0

तराना          545.8               682.6

माकडौन       521.0                395.0

नोट-आंकडे मिलीमीटर में हैं।स्त्रोत-जिला भूअभिलेख,उज्जैन।