संघ का अब मालवा निमाड़ में घुमंतु जातियों पर रहेगा फोकस

 

इंदौर। मालवा और निमाड़ आंचल की घुमंतू जातियों पर संघ का मालवा प्रांत ज्यादा जोर देगा। यह निर्णय हाल की झाबुआ बैठक में लिया गया है। दरअसल, मालवा क्षेत्र में आरएसएस की पैठ ज्यादा गहरी है।
शहरी क्षेत्रों के अलावा ग्रामीण व आदिवासी क्षेत्रों में गतिविधियां लगातार चलती रहती है। आरएसएस ने मालवा क्षेत्र सिकलीगर कालबेलिया जातियों के बीच सम्मेलन और स्वास्थ्य शिविर लगातार उन्हें साधने की कोशिश की है।
अब संघ से ग्रामीण युवकों पर जोड़ने पर फोकस रहेगा। आरएसएस की मालवा प्रांत की बैठक झाबुआ में रखी गई, जिसमें प्रांत कार्यवाह सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।

बैठक में इस साल होने वाली गतिविधियों पर चर्चा हुई और पुराने कामों की समीक्षा भी की गई।
बैठक में बताया गया कि मालवा प्रांत के 28 जिलों में 4203 शाखाएं संचालित होती है। मालवा प्रांत में प्रशिक्षण वर्गों के अलावा महाविद्यालयीन सम्मेलन, महाराजा शिवाजी के राज्याभिषेक के 300 वें वर्ष के कार्यक्रम और देवी अहिल्या बाई की 300 वीं जयंती के कार्यक्रम भी आयोजित किए जा रहे है।

बैठक में बताया गया कि राममंदिर प्राणप्रतिष्ठा समारोह के लिए प्रांत के हर गांव में प्रभात फेरियां, अक्षत वितरण सहित अन्य गतिविधियां संचालित की गई। बैठक में तय हुआ कि विभिन्न समाजिक गतिविधियों के माध्यम से समाज के हर वर्ग को जोड़ा जाए। आरएसएस की स्थापना के 100 साल पूरे होने के कार्यक्रम पर भी चर्चा हुई।
बताया गया कि संघ से आम लोगों के जुड़ाव, सेवा कार्य और नागरिक समस्या के निराकरण जैसे कार्य भी किए जा सकते है।
हाल ही में इंदौर में संपर्क विभाग की बैठक आयोजित की गई थी, जिसमें देशभर के पदाधिकारी मौजूद थे।