सेवानिवृत्त इंजीनियर के उड़ाये थे 5.97 लाख गिरफ्त में आया आॅनलाइन धोखाधड़ी गैंग का चौथा आरोपी
उज्जैन। क्रेडिट कार्ड रिवार्ड पाइंट बनाने के नाम पर एमपीईबी के सेवानिवृत्त इंजीनियर के साथ हुई 5.97 लाख की धोखाधड़ी के मामले में शामिल चौथे आरोपी को राज्य सायबर सेल की टीम ने गिरफ्तार कर लिया है। गैंग के 3 आरोपियों को पूर्व में गिरफ्तार किया जा चुका था।
दिसंबर 2022 में एमपीईबी के सेवानिवृत्त इंजीनियर के साथ आॅलाइन धोखाधड़ी करने वाले बदमाशों ने क्रेडिट कार्ड और बैंक खाते पर रिवार्ड पाइंट बढ़ाने के साथ केशबैक का झांसा देकर 50 हजार का आॅनाइल ट्रांजेक्शन कर लिया था और क्रेडिट कार्ड पर 4 लाख से अधिक का लोन प्राप्त कर सेवानिवृत्त इंजीनियर के खाते में राशि मंगवाने के बाद निकाल ली थी। बदमाशों द्वारा की गई 5.97 लाख की आॅनलाइन धोखाधड़ी की शिकायत राज्य सायबर सेल में दर्ज कराई गई थी। मई 2023 में राज्य सायबर सेल की टीम ने धोखाधड़ी से जुड़े आकाश पिता मुन्नालाल शर्मा, विभु उर्फ आदित्य पिता विनित वाष्णेय और पवन पिता विनोद वाष्णेय निवासी ग्राम चंदौसी उत्तरप्रदेश को गिरफ्तार कर लिय था। तीनों के खाते का उपयोग धोखाधड़ी की आॅनलाइन राशि निकालने के लिये किया गया था। पूछताछ में तीनों ने अपने खाते कमीशन पर मोहम्मद फैजान पिता इस्लाम को देना बताया था। जिसकी तलाश लगातार की जा रही थी। मोहम्मद फैजान ने साथियों के पकड़ाने पर अपना फोन भी बंद कर लिया था। लेकिन तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर राज्य सायबर की टीम उसकी गिरफ्तारी के प्रयास कर रही थी। 2 दिन पहले फैजान का चंदौसी उत्तरप्रदेश से गिरफ्तार कर लिया गया। जिसे इंदौर न्यायालय में पेश कर रिमांड पर उज्जैन लाया गया। जहां उसे धोखाधड़ी में प्रयुक्त किया टूटा मोबाइल और बैंक पासबुक बरामद की गई। उसने गैंग से जुडेÞ अपने साथी विवेक तोमर और लवी को कमीशन पर खाते उपलब्ध कराने की जानकारी दी है। दोनों की तलाश में एक बार फिर राज्य सायबर की टीम उत्तरप्रदेश जायेगी। आरोपी ने पूछताछ में बताया कि वह धोखाधड़ी की राशि से अय्याशी में खर्च करता था। राज्य सायबर सेल पुलिस अधीक्षक रश्मि खर्या ने बताया कि आरोपी को गिरफ्तार करने में निरीक्षक अमित परिहार, एएसआई हरेन्द्रपालसिंह राठौर, प्रधान आरक्षक कमलाकर उपाध्याय और महिला आरक्षक तृप्ति लोधी की विशेष भूमिका रही।