महंगे होंगे हाउसिंग बोर्ड के मकान
भोपाल। सरकार अब मप्र पुर्नघनत्वीकरण नीति में संशोधन करने की तैयारी कर रही है। इससे अब शहरी क्षेत्रों में हाउसिंग बोर्ड को मिलने वाली जमीन कलेक्टर गाइड लाइन के दर पर उपलब्ध कराई जाएगी। इस प्रस्ताव को सीएस की अध्यक्षता वाली साधिकार समिति ने मंजूरी दे दी है। अब प्रस्ताव कैबिनेट बैठक में रखा जाएगा। बैठक के बाद इस प्रस्ताव पर अमलीजाम पहनाया जा सकेगा। जाएगा।
अभी तक सरकार बोर्ड को कलेक्टर गाइड लाइन से 40 फीसदी से कम दर पर भूखंड उपलब्ध कराती थी। हाउसिंग बोर्ड को सरकार सामान्य दरों पर जगह उपलब्ध कराती है और सरकार नो लॉस नो प्रॉफिट पर लोगों को आवास उपलब्ध कराती है। इसी के चलते हाउसिंग बोर्ड के आवास, दुकान और व्यावसायिक भवन काफी बिल्डरों से कम दर पर मिलते हैं। मप्र में 20 सालों में रीडेंसीफिकेशन से राजधानी सहित कई शहरों में हाउसिंग और कॉमर्शियल प्रोजेक्ट लांच किए गए हैं। आने वाले 10 सालों में 10 हजार करोड़ से अधिक के हाउसिंग, कॉमर्शियल काम्प्लेक्स बनाने का प्रस्ताव है। हाउसिंग बोर्ड पुराने, जर्जर बहुमंजिला भवनों और व्यावसायिक परिसरों को नए सिरे से बनाएगा। जो काम्प्लेक्स जहां है, वहीं पर बनाया जाएगा। लेकिन इसकी ऊंचाई बढ़ा दी जाएगी। जितने दिन इस प्रोजेक्ट को तैयार होने में लगेगा, उतने दिन का किराया वहां के रहवासियों कलेक्टर गाइड लाइन के अनुसार दिया जाएगा। इस दौरान फ्लैट में रह रहे लोगों को उनका आवास उपलब्ध करा दिया जाएगा। शेष फ्लैटों को बोर्ड निजी लोगों को बेच देगा। इसमें पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर चयन होगा।