प्रदेश में हर साल तैयार होंगे 5 हजार डॉक्टर

प्रदेश में स्वास्थ्य सेवा को बेहतर बनाने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। इसके लिए प्रदेश में अब तक 30 मेडिकल कॉलेज खोले गए हैं। इन कॉलेजों में हर साल करीब 5 हजार डॉक्टर तैयार होंगे। इससे प्रदेश में चिकित्सकों की कमी दूर होगी।
प्रदेश में इस सत्र से तीन नए सरकारी मेडिकल कॉलेज मंदसौर, नीमच और सिवनी में खुले हैं। इन कॉलेजों के खुलने से प्रदेश में मेडिकल की 300 सीटें और मिल गई हैं। सरकार चाहती थी कि प्रदेश में इस सत्र से 5 मेडिकल कॉलेज शुरू किए जाएं, लेकिन दो कॉलेजों का निर्माण अभी पूरा नहीं हुआ है। ये कॉलेज श्योपुर और सिंगरौली में खोले जाने हैं। जानकारी के मु्ताबिक, श्योपुर और सिंगरौली के कॉलेजों का अधूरा निर्माण देखते हुए सरकार ने इनकी मान्यता के लिए आवेदन ही नहीं दिया है। तीन नए मेडिकल कॉलेज खुलने के बाद प्रदेश में 13 ऑटोनोमस और 4 सरकारी मेडिकल कॉलेज हो गए हैं। ऑटोनोमस कॉलेज मिलाकर अब प्रदेश में 5 हजार सीटों पर छात्रों को एडमिशन मिलेगा।
प्रदेश में सरकारी मेडिकल कॉलेजों की संख्या 17 और निजी मेडिकल कॉलेजों की संख्या बढकऱ 13 हो गई है। सरकारी कॉलेजों में एमबीबीएस की 2488 सीटें और निजी कॉलेजों में 2450 सीटें सहित कुल 4938 सीटें हैं। हालांकि ऑल इंडिया, केन्द्र सरकार को कोटा और एनआरआई कोटे में 773 सीटें आरक्षित की गई हैं। ऐसे में प्रदेश के छात्रों को स्टेट कोटे में 4,165 मेडिकल सीटों पर ही दाखिला मिल सकेगा। चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि कि बुधवार देर रात जारी हुए सीट चार्ट पर 15 अगस्त को आपत्तियां आमंत्रित की गई हैं। इन आपत्तियों के निराकरण के बाद फाइनल सीट चार्ट जारी किया जाएगा। इसके आधार पर ही एडमिशन दिए जा सकेंगे। गौरतलब है कि होने वाली काउंसलिंग में एमबीबीएस के साथ बीडीएस में भी दाखिला दिया जाएगा। प्रदेश में 13 निजी डेंटल कॉलेज हैं, जिसमें कुल बीडीएस की कुल 1220 सीटें हैं। इनमें तमाम कोटा लगाने के बाद सामान्य छात्रों के लिए 1067 सीटें बचेंगी।