नर्सिंग छात्र-छात्राओं को पिछले 4 साल से छात्रवृत्ति नहीं मिली

प्रदेश में नर्सिंग कॉलेज में फर्जीवाड़े की वजह से लाखों छात्र छात्राओं का भविष्य प्रभावित हुआ हैं। वहीं प्रदेश के नर्सिंग छात्र-छात्राओं को पिछले 4 साल से छात्रवृत्ति नहीं मिलने से उनकी आर्थिक स्थिति गड़बड़ा गई। एनएसयूआई नेता रवि परमार ने मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव को पत्र लिखा है। परमार ने कहा कि लंबे समय के बाद उच्च न्यायालय के आदेश के बाद सभी नर्सिंग छात्र छात्राओं की परीक्षाएं हो रही हैं, लेकिन पिछले 4 सालों से नर्सिंग के छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति नहीं मिली है।

जानकारी के मुताबिक अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग सभी वर्गों के छात्र-छात्राओं की छात्रवृत्ति रुकी हुई हैं। प्रदेश पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा 18 जुलाई 2024 को आदेश जारी कर मध्य प्रदेश के नर्सिंग छात्र छात्राओं की पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति पर अस्थायी रोक लगा दी गई है। जबकि उच्च न्यायालय द्वारा छात्र छात्राओं की छात्रवृत्ति रोकने के संबंध में किसी भी प्रकार का आदेश नहीं दिया गया है। इस मामले में अब छात्र और छात्राओं ने सीएम को संबोधित पत्र में लिखा कि माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के बाद प्रदेश के सभी छात्र छात्राओं की परीक्षाएं हो रही हैं उनसे फीस ली जा रहीं हैं। छात्रवृत्ति पर रोक लगने की वजह से हजारों निम्न और मध्यम वर्गीय छात्र छात्राएं फीस जमा करने में असमर्थ हैं, जिसकी वजह से उनकी पढ़ाई प्रभावित हो रहीं है। वहीं गरीब परिवार से आने वाले छात्र छात्राओं पर आर्थिक बोझ पड़ रहा हैं।