जिस गेहूं को लेने से इनकार किया अब उसे ही गरीबों में बांटने की तैयारी हो रही है
उज्जैन। पूरा प्रदेश ही नहीं बल्कि उज्जैन जिले मं भी पीडीएस के तहत गरीबों को बांटे जाने वाला गेहूं गोदामों में सड़ने का मामला सामने आ रहा है और बताया यह भी जा रहा है कि इस तरह के गेंहू को एफसीआई ने लेने से इनकार कर दिया है लेकिन अब इस सड़े हुए गेहूं को ही गरीबों
में बांटने की तैयारी हो रही है।
सूत्रों ने यह भी बताया है कि मामले की जानकारी मिलने पर विभाग के मंत्री ने प्रमुख सचिव को तीन दिन के अंदर जांच कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं।
जानकारी के अनुसार प्रदेश के गोदामों में रखा करीब 10.64 लाख मीट्रिक टन खराब गेहूं रखा हुआ है। यह वो गेंहू हैं जिसे भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने खराब मानते हुए उठाने से मना कर दिया। इसके बाद भी गेहूं का भंडारण करने वाली एजेंसी वेयर हाउसिंग कॉर्पोरेशन, खरीदी एजेंसी नागरिक आपूर्ति निगम और खाद्य विभाग इसे अब भी खराब नहीं मान रहा है। जिम्मेदारों के लिए अब यही गेहूं गले की फांस बनता जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि इसी गेहूं को कुछ अफसर राशन वितरण व्यवस्था के तहत वितरण करने की तैयारी मे हैं। इस मामले में एफसीआई के सहायक महाप्रबंधक गुण नियंत्रक ने खाद्य विभाग के अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखकर बताया कि करीब 10.64 लाख टन गेहूं अनफिट है। इसमें से 6.38 लाख टन गेहूं उठा सकते हैं, लेकिन पहले इसे अपग्रेड करना होगा। काम में देरी की तो उठाने योग्य भी नहीं रह जाएगा। इसके अलावा शेष नहीं बचेगा। बचा 4.26 लाख मीट्रिक टन गेहूं परिवहन करने योग्य ही नहीं है। एफसीआइ ने यह पत्र अप्रैल में लिखा था। इसके बाद भी जिम्मेदारों ने कोई कदम नहीं उठाया है। उधर वेयरहाउस के एक आला अफसर का कहना एफसीआई के पत्र के आधार पर जांच की थी लेकिन गेहूं खराब नहीं मिला। केवल कुछ ही गोदामों में कमियां पाई थी, जिसके संबंध में कार्रवाई की जा रही है। इस वर्ष रबी उपार्जन वर्ष 2024-25 का लगभग 100 गोदामों में भंडारित गेहूं कीटग्रस्त और अपग्रेडेबल होने का मामला संज्ञान में आने पर खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण, मंत्री, गोविन्द सिंह राजपूत ने दोषी अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने के निर्देश प्रमुख सचिव खाद्य श्रीमती रश्मि अरुण शमी को दिये है।