शहीद पार्क से टॉवर चौक तक निकली रैली 24 घंटे की हड़ताल पर रहे निजी अस्पतालों के 750 डॉक्टर्स
दैनिक अवंतिका
उज्जैन। कोलकत्ता में महिला डॉक्टर के साथ हुई दुष्कर्म और हत्या की घटना से आक्रोशित निजी अस्पतालों के 750 से अधिक डॉक्टरों ने शनिवार को 24 घंटे की हड़ताल की। डॉक्टरों ने रैली निकाली और मुख्यमंत्री के नाम सुरक्षा को लेकर ज्ञापन सौंपा।
9 अगस्त को कोलकत्ता में ड्युटी से घर लौटते समय महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म किया और हत्या कर दी गई। मामला सामने आने के बाद देशभर में आक्रोश दिखाई दे रहा है। डॉक्टरों द्वारा घटना की निंदा करते हुए सुरक्षा की मांग उठाई जा रही है। 2 दिनों से उज्जैन में भी महिला डॉक्टर के साथ हुई घटना को लेकर आक्रोश दिखाई दे रहा है। शनिवार को शहर के 25 से अधिक निजी अस्पतालों के डॉक्टरों ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के बैनर तले 24 घंटे की हड़ताल की। 750 से अधिक डॉक्टर्स हड़ताल में शामिल हुए और सुबह 10 बजे शहीद पार्क से टॉवर चौक तक रैली निकाली। इस दौरान वंदे मातरम् के नारे लगाये गये और महिला डॉक्टर को न्याय दिलाने की आवाज उठाई गई। टॉवर चौक पर विरोध प्रदर्शन के करते हुए सुरक्षा की मांग भी रखी गई। हड़ताल कर रहे डॉक्टरों के साथ निजी अस्पतालों का स्टॉफ भी मौजूद था। डॉक्टरों द्वारा की गई हड़ताल को लेकर विधायक अनिल जैन कालूहेड़ा टॉवर चौक पहुंचे थे। डॉक्टरों ने उन्हे मुख्यमंत्री के नाम सुरक्षा को लेकर ज्ञापन भी सौंपा। डॉ. एन के त्रिवेदी ने बताया कि हड़ताल के दौरान इमरजेंसी चिकित्सा को चालू रखा गया है। हड़ताल रविवार सुबह 6 बजे तक जारी रहेगी।
जिला अस्पताल में 1 घंटा पेन डाउन रखा
निजी अस्पतालों के डॉक्टरों की हड़ताल में जिला अस्पताल के डॉक्टर शामिल नहीं हुए। लेकिन उन्होने दोपहर 12 से 1 बजे तक कमल बंद हड़ताल रखी। शुक्रवार को भी डॉक्टरों ने काली पट्टी बांधकर 1 घंटा काम बंद रखा था और शाम को अपर कलेक्टर अनुकुल जैन को ज्ञापन सौंपकर कोलकत्ता में महिला डॉक्टर के साथ हुई घटना की निंदा करते हुए सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता करने की मांग रखी थी। डॉ. जितेन्द्र शर्मा ने बताया कि जिला अस्पताल के डॉक्टर भी दिवगंत डॉक्टर को न्याय दिलाने के समर्थन में है। लेकिन स्वास्थ्य सेवाएं बनी रहे, इसका पूरा ध्यान रखा जा रहा है। शनिवार को डॉक्टरों की हड़ताल को देखते हुए जिला अस्पताल में 35 आयुष डॉक्टरों को बुला लिया गया था।
हड़ताल से नहीं बिगड़ी व्यवस्था
निजी अस्पतालों के डॉक्टरों द्वारा की गई हड़ताल से कहीं भी स्वास्थ्य सेवाएं बिगड़ने की खबरे सामने नहीं आई। पहले ही डॉक्टरों ने तय कर लिया था कि इमजरेंसी के साथ गहन चिकित्सा इकाई की सेवाओं को जारी रखा जायेगा। हड़ताल में शामिल हुआ स्टॉफ भी टॉवरर चौक पर हुए विरोध प्रदर्शन के बाद अस्पतालों में अपनी सेवाएं देने के लिये लौट गया था। सिर्फ डॉक्टर 24 घंटे तक अस्पतालों में नहीं पहुंचे। जिसके चलते प्रतिदिन वार्डो में होने वाला डॉक्टरों का राउंड नहीं हो पाया।