रक्षाबंधन पर पचास से अधिक मिठाईयां बनी लोगों की पसंद, नमकीन का भी स्वाद….दुकानों पर लोगों की भीड़, पचास टन मिठाई बिक्री का अनुमान

उज्जैन। कल 19 अगस्त को शहर में रक्षाबंधन का त्योहार उल्लास और उमंग के साथ मनाया जाएगा। इधर बीते दो दिनों से बाजारों में राखी और नारियल के साथ ही पूजा सामग्री खरीदी करने वालों का तांता लगा हुआ है तो वहीं मिठाई की दुकानों पर भी लोग खरीदी कर रहे है।
मिठाई व्यापारियों की यदि माने तो विशेषकर बड़ी और प्रसिद्ध दुकानों पर पचास तरह की मिठाईयां है जो लोगों की पसंद बनी हुई है वहीं आज से लेकर कल रक्षा बंधन की सुबह तक करीब पचास टन मिठाई की बिक्री का अनुमान लगाया जा रहा है। यदि ऐसा होता है कि मिठाई का ही कारोबार करोड़ों में पहुंच जाएगा। इसी तरह से नमकीन की भी खरीदारी जोरों पर हो रही है।  बाजार में  मावे, बेसन की परंपरागत मिठाइयां है। राखी पर खासतौर पर बिकने वाली घेवर और फेनी जो दूध-मैदे से बनती है। साथ ही दूध-मलाई से बनी बंगाली मिठाइयों के साथ सूखे मेवों और मिल्क पाउडर, चॉकलेट पाउडर और फ्रूट पल्प से बनने वाली नई तरह की मिठाइयां भी शामिल हैं। सूखे मेवे की मिठाई 700 से 1500 रुपये किलो तक बिक रही है। हालांकि कुछ मिठाइयां सस्ती जरूर मानी जा सकती है फिर भी इनके भाव चार सौ रुपए प्रति किलो से कम नहीं है। बावजूद इसके लोग  मिठाई खरीद रहे है। इसी तरह नमकीन के भी भाव तीन सौ से चार सौ रुपए प्रति किलो है। मिठाई व्यापारियों के अनुसार सबसे अधिक पसंद घेवर फेनी के अलावा बंगाली मिठाई की बनी हुई है वहीं नमकीन में चरका मीठा मिक्चर, दाल मोंठ, चिवड़ा चकली आदि की ज्यादा खरीदी हो रही है। हालांकि टमाटर सेंव, पालक की सेंव आदि की भी बिक्री अच्छी बताई जा रही है।
इधर घर में बनी पारंपरिक मिठाइयों की बात करें तो यूं भले ही  बाजारों में विभिन्न तरह की मिठाईयां मिलती हो लेकिन इसके बाद भी इन पारंपरिक मिठाइयों की मिठास घुली हुई है अर्थात घरों में रक्षाबंधन के अवसर पर बहनों द्वारा अपने भाइयों का मुंह मीठा कराने की तैयारी हो रही है और इसके लिए घेवर से लेकर बेसन चक्की और अन्य घर में बनाई जाने वाली मिठाई बनाई जा रही है।