तीन शहरों का मास्टर प्लान अब नए सिरे से ड्राफ्ट किया जाएगा

भोपाल। भोपाल, इंदौर और जबलपुर का मास्टर प्लान अब नए सिरे से ड्राफ्ट किया जाएगा। प्लान में हरियाली और हाईराइज भवनों पर विशेष तौर पर फोकस किया जा रहा है। इससे शहर के फैलाव से रोकने का प्रयास किया जा रहा है। इससे निकायों को सड़क, बिजली और पानी सहित कई सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए ज्यादा पैसा भी खर्च नहीं करना होगा।

भोपाल का मास्टर प्लान 19 साल पहले और जबलपुर इंदौर का मास्टर प्लान तीन साल पहले प्रकाशित होना था लेकिन प्लान बनने के तमाम तरह के संशोधन के चलते अंतिम प्रकाशन नहीं हो पा रहा है। तीनों शहरों के एक बार फिर से नए सिरे से प्लान बन रहे हैं। ट्रांसफरेबल डेवलपमेंट राइट (टीडीआर), 24 मीटर की सड़कों की नीति, शहरों में हरियाली बढ़ाने के हिसाब से प्लान बनेगा। भोपाल, इंदौर और जबलपुर में जब तक मास्टर प्लान का अंतिम प्रकाशन नहीं हो जाता है तब तक धारा 16 के तहत कॉलोनी काटने की अनुमति दी जा रही थी। जिला स्तर पर नगर और ग्राम निवेश के जॉइंट डायरेक्टर को धारा 16 के तरह अनुमति देने का अधिकार था, लेकिन सरकार ने 7 माह पहले इसे बदल दिया। यह अधिकार नगर तथा ग्राम निवेश के आयुक्त को दे दिया है। प्रदेश में करीब कॉलोनाइजरों के 22 आवेदन लंबित हैं। भोपाल और इंदौर के मास्टर प्लान में मेट्रोपोलिटिन रीजन प्लान को भी शामिल किया जाएगा। इससे भोपाल में सीहोर, मंडीदीप, औबेदुल्लागंज, बंगरसिया को मास्टर प्लान में शामिल किया जाएगा। जबकि इंदौर के मास्टर प्लान में इंदौर के साथ पीथमपुर, देवास, उज्जैन को भी शामिल किया जाएगा। सड़कों की कनेक्टिविटी पर विशेष तौर पर फोकस किया जाएगा। जिन शहरों के प्लान पहले से बने थे, उन्हें भी इससे जोड़कर रिवाइज करते हुए इन शहरों के प्लान एरिया तय होगा।