रक्षाबंधन कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने बहनों को झूला झूलाया बहनों के आशीर्वाद से प्रदेश को देश का नम्बर वन राज्य बनायेंगे -मुख्यमंत्री डॉ.यादव

दैनिक अवंतिका

उज्जैन । रविवार को उज्जैन आए प्रदेश के मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव यहां रक्षाबंधन कार्यक्रमों में शामिल हुए हैं। उन्हें उज्जैन की हजारों बहनों ने राखी बांधी और सभी को गिफ्ट भी मिला है। इस दौरान मुख्यमंत्री ने अपनी लाडली बहनों को खूद झूला झुलाया है। अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि बहनों के आशीर्वाद से मध्य प्रदेश को देश का नम्बर वन राज्य बनायेंगे। रक्षाबंधन पर बहनों का आशीर्वाद ही सबसे बड़ा आशीर्वाद है।यह बात मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने उज्जैन के रघुनन्दन गार्डन पंवासा, सुमन गार्डन एवं शिवांजली गार्डन एवं लेकोडा में एक निजी विश्वविद्यालय में आयोजित लाड़ली बहना रक्षाबंधन कार्यक्रम में उपस्थित बहनों से संवाद करते हुए कही। मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने बहनों से संवाद करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत का परचम पूरी दुनिया में लहरा रहा है। दुनिया भारत देश एवं भारतीय संस्कृति की ओर देख रही है। उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि सरकार का समाज के साथ सरोकार होना चाहिये। सरकार को समाज के साथ कदम से कदम मिलाकर चलना चाहिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि रक्षाबंधन त्यौहार के पहले ही सरकार ने प्रदेश की एक करोड़ से अधिक लाड़ली बहनों के खाते में रक्षाबंधन शगुन के रूप में 250 रुपये की राशि जमा कराई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जन-अपेक्षाओं के अनुरूप सरकार लगातार काम करती रहेगी। उन्होंने कहा कि रक्षाबंधन पर पूरा उज्जैन शहर आज आनन्द में डूब गया है। यह हम सबका सौभाग्य है कि हम भगवान महाकाल की नगरी उज्जैन के वासी हैं। प्रारम्भ में मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने मंचासीन अतिथियों के साथ दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया और कन्याओं का पूजन भी किया। बहनों ने मुख्यमंत्री डॉ.यादव को प्रतीक स्वरूप बड़ी राखी भेंट की और उपस्थित कुछ बहनों से अपने भैया मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव की कलाई पर राखी भी बांधी। मुख्यमंत्री ने सभी बहनों को रक्षाबंधन पर उपहार भी भेंट किये। मुख्यमंत्री ने मंच पर बहनों को अपने हाथों से झूला भी झुलाया और बहनों पर पुष्‍पवर्षा कर उनका स्वागत-अभिनन्दन किया। मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के तहत कार्यक्रम स्थल पर पौधारोपण भी किया।