सबसे पहले बांधी राजाधिराज को राखी, सवा लाख लड्डुओं का भी लगा भोग
उज्जैन। आज शहर में सुबह से ही रक्षा बंधन का उल्लास बिखरा हुआ है। हालांकि भद्रा काल पूरा होने के बाद ही भाईयों की कलाई पर राखी बांधी जाएगी लेकिन सुबह से ही बाजारों में न केवल भीड़ रही वहीं खरीदी भी होती रही। इधर महाकाल मंदिर में सबसे पहले राजाधिराज महाकाल को राखी अर्पित हुई वहीं सवा लाख लड्डुओं का भी भोग लगाया गया। बता दें कि उज्जैन में प्रमुख त्योहार सबसे पहले महाकाल मंदिर में ही मनाए जाते है।
ज्योतिर्लिंग की पूजन परंपरा में श्रावण मास के दौरान भस्म आरती करने वाले पुजारी परिवार द्वारा भगवान महाकाल को सवा लाख लड्डुओं का भोग लगाया जाता है। इस बार शासकीय पुजारी पं.घनश्याम शर्मा, पं.आशीष पुजारी, पं.संजय पुजारी, पं.विकास पुजारी के परिवार द्वारा भस्म आरती की गई। उन्हीं के द्वारा भगवान को महाभोग लगाया गया। रविवार-सोमवार की मध्य रात्रि 2.30 बजे भस्म आरती में सबसे पहले भगवान महाकाल को राखी बांधी गई। इसके बाद भगवान को सवा लाख लड्डू का महाभोग लगाकर आरती की गई। भक्तों को दिनभर लड्डू महाप्रसादी का वितरण होगा। मंदिर पुजारी परिवार की महिलाओं ने भगवान के लिए विशेष राखी तैयार की थी। रविवार-सोमवार की दरमियानी रात 2.30 बजे महाकाल मंदिर के पट भक्तों के लिए खोले। इसके बाद पुजारियों द्वारा भगवान का महाकाल का पंचामृत अभिषेक पूजन किया गया। पूजन के बाद भगवान महाकाल का सोने, चांदी के आभूषणों से विशेष श्रृंगार किया गया। इसके बाद महाकाल मंदिर पुजारी परिवार की महिलाओं ने भगवान महाकाल को राखी बांधी।
रक्षाबंधन का मुर्हूत
भद्रा के कारण राखी बांधने का मुहूर्त दोपहर में नहीं है। हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल राखी बांधने का शुभ मुहूर्त दोपहर 01:30 से रात्रि 09:07 तक रहेगा। कुल मिलाकर शुभ मुहूर्त 07 घंटे 37 मिनट का रहेगा। राखी बांधने का शुभ मुहूर्त आरंभ – दोपहर 01:30 के बाद राखी बांधने का शुभ मुहूर्त समापन- रात्रि 09:07 तक