रामलला को बांधी गई ‘राम’ नाम की राखी
अयोध्या में आज रक्षाबंधन पर रामलला को राम नाम की राखी अर्पित की गई. इसके बाद उनकी पूजा अर्चना की गई. प्रभु श्री राम का दर्शन करने भक्तों का तांता लगा रहा. रोजाना भगवान श्री राम भक्तों को अलग-अलग रूप में दर्शन देते हैं.
उनकी फूलों की माला भी दिल्ली से मंगाई जाती है. रामलला की पहली आरती सुबह साढ़े छह बजे होती है. रामलला को जगाने से पूजन शुरू होता है. इसके बाद उन्हें लेप लगाने, स्नान करवाने से लेकर वस्त्र पहनाया जाता है. हर दिन और मौसम के हिसाब से अलग-अलग वस्त्र पहनाए जाते हैं. गर्मियों में सूती और हल्के वस्त्र तो जाड़े में स्वेटर और ऊनी वस्त्र पहनाए जाते हैं. दोपहर 12 बजे भोग आरती होती है और साढ़े सात बजे संध्या आरती होती है. इसके बाद रामलला को 8.30 बजे शयन करवाया जाता है. रामलला के दर्शन 7.30 बजे तक ही किए जा सकते हैं. रामलला को चार समय भोग लगता है. रामलला को हर दिन और समय के हिसाब से अलग-अलग व्यंजन परोसे जाते हैं. ये व्यंजन राम मंदिर की रसोई में बनते हैं. सुबह की शुरुआत बाल भोग से होती है. इसी कड़ी में श्रावण माह के अंतिम सोमवार को शुक्ल पक्ष पूर्णिमा को 19 अगस्त अगस्त के दिन श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र अयोध्या धाम में ब्रह्मांड नायक श्री रामलला सरकार की शुभ अलौकिक श्रृंगार हुआ.