एक झलक पाने के लिए भक्त आतुर….धूमधाम से निकली सवारी
उज्जैन। श्रावण माह के अंतिम सोमवार को राजाधिराज महाकाल की सवारी धूमधाम से निकली। मंदिर से सवारी निर्धारित समय पर शुरू हुई। राजाधिराज की एक झलक पाने के लिए भक्त आतुर दिखाई दिए तो वहीं जय महाकाल की गूंज भी होती रही।
भगवान महाकाल की सवारी महाकालेश्वर मंदिर के सभा मंडप में पूजा-अर्चना करने के बाद अपने निर्धारित समय पर शुरू होकर मंदिर के मुख्य द्वार पहुंची। यहां सशस्त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा भगवान श्री महाकाल को सलामी दी गई। इसके बाद सवारी गुदरी चौराहा, पटनी बाजार, कहारवाड़ी से होते हुए रामघाट शिप्रा तट पहुंची। यहां पूजन-अर्चन होने के बाद सवारी रामानुजकोट, मोढ़ की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती समाज मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार, गुदरी बाजार होती हुई श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंची। चांदी की पालकी पर भगवान चंद्रमौलेश्वर, हाथी पर मनमहेश, गरुड़ रथ पर शिव तांडव और नंदी पर उमा-महेश के स्वरूप में विराजित होकर महाकाल शाम 4 बजे प्रजा का हाल जानने निकले। डोल रथ पर होलकर स्टेट का मुखारविंद शामिल रहा। डिंडौरी के गोंड जनजातीय समूह के 50 से अधिक कलाकार करमा, सैला नृत्य की प्रस्तुति देते दिखे।