श्री महाकालेश्वर सवारी: श्रावण की अंतिम सवारी में पांच स्वरूपों के दर्शन
दैनिक अवंतिका उज्जैन । सोमवार रक्षाबंधन पर्व पर भगवान श्री महाकालेश्वर की श्रावण मास की अंतिम सवारी निकाली गई। इसमें भगवान के 5 स्वरूपों के दर्शन श्रद्धालुओं को हुए। भादो मास की अभी दो सवारियां और निकाली जाएंगी। भक्तों ने पालकी में श्री चन्द्रमौलेश्वर, हाथी पर श्री मनमहेश, गरूड़ रथ पर श्री शिवतांडव, नन्दी रथ पर श्री उमा-महेश और डोल रथ पर श्री होल्कर स्टेट के मुखारविंद के दर्शन इस दौरान किए।मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक गणेश कुमार धाकड ने बताया कि श्री महाकालेश्वर भगवान की श्रावण/भाद्रपद माह में निकलने वाली सवारी के क्रम में श्रावण माह की आखरी सवारी रक्षाबंधन पर्व पर निकाली गई । इसमें भगवान के 5 स्वरूपों के दर्शन श्रद्धालुओं ने किए हैं। सभा मंडप में भगवान का पूजन अर्चन मुख्यमंत्री डा.मोहन यादव ने सपत्निक किया । उनके साथ सांसद वी डी शर्मा भी शामिल हुए। पूजन अर्चन कर भगवान को पालकी में विराजित किया गया। इसके बाद सभी अतिथियों ने पालकी को कंथा लगाकर उठाया और नगर भ्रमण के लिए प्रस्थित किया। मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा पालकी में विराजित भगवान को सलामी दी गई। इस बार सवारी में सीआरपीएफ के बैंड ने भगवान के भजनों पर अपनी प्रस्तुति दी। सवारी में मुख्यमंत्री डा.यादव , प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा सहित अनेक जनप्रतिनिधि एवं प्रशासनिक अधिकारी पैदल ही चल रहे थे। रामघाट पर सवारी का शिप्रा जलाभिषेक किया गया।उसके बाद सवारी परंपरागत मार्ग महाकाल चौराहा, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार और कहारवाडी से होती हुई रामघाट पहुंचेगी। जहॉ क्षिप्रा नदी के जल से भगवान का अभिषेक और पूजन-अर्चन किया जावेगा। इसके बाद सवारी रामानुजकोट, मोढ की धर्मशाला, कार्तिक चौक खाती का मंदिर, सत्यीनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार और गुदरी बाजार से होती हुई पुन: श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंची।