चोरी के साथ मांडवली का धंधा अपनाया राजस्थान के आपराधिक कंजरों से प्रभावित जिलों में बढा आतंक -वाहन, भैंसे, ट्रेक्टर चुराकर मालिक से ही नकदी की वसूली कर रही गैंग
दैनिक अवंतिका उज्जैन।
उज्जैन। राजस्थान के आपराधिक कंजरों की गैंग से संभाग के अधिकांश जिले प्रभावित हैं और आतंक बना हुआ है। ये आपराधिक कंजर चोरी की वारदातों को अंजाम देकर मांडवली कर नकदी की कमाई करने में लगे हुए हैं। पहले वाहन ,भैंसे ,ट्रेक्टर चोरी करते हैं और फिर संपत्ति के मालिकों से हजारों लाखों की मांडवली कर उन्हें उनका ही सामान सौंप रहे हैं ।उज्जैन जिले के महिदपुर रोड,महिदपुर ,नागदा,खाचरौद,भाटपचलाना थाना इनसे ज्यादा प्रभावित हैं।
राजस्थान से लगे नीमच,मंदसौर,रतलाम,उज्जैन, आगर-मालवा जिलों में इनकी गतिविधि बराबर बनी हुई है। इनके आतंक की स्थिति यह है कि हाल ही में एक माह पूर्व इन्होंने शामगढ तहसील मुख्यालय के पास नदी पर बने बैराज को जेसीबी लाकर तोडने का प्रयास करते हुए क्षतिग्रस्त कर दिया था। इस मामले में नगर परिषद की और से सीएमओं ने अज्ञात के विरूद्ध पुलिस को प्रकरण दर्ज करवाया था। जिसकी जांच जारी है, लेकिन जानकारी सामने आ रही है कि बैराज में पानी होने की वजह से वारदात के बाद भागने में राजस्थान के आपराधिक कंजरों को दिक्कत होती है और ऐसे में कई बार ग्रामीणों एवं पुलिस की घेराबंदी में वे फंस जाते हैं। नदी में पानी न रहे इसके लिए बैराज को तोडने की रणनीति बनाते हुए जेसीबी लाकर उसे तोडने का प्रयास किया गया था।
सीतामऊ टीआई ने दी थी चेतावनी
कुछ माह पूर्व सीतामऊ में वाहनों की चोरी के मामले में पुलिस दल तत्कालीन थाना प्रभारी दिनेश प्रजापति के नेतृत्व में अपराधियों की खोजबीन में लगा था। उस दौरान पुलिस दल एवं आपराधिक कंजर गैंग का 100 मीटर की दूरी पर आमना सामना हो गया था। पुलिस की घेराबंदी के दौरान थाना प्रभारी को आपराधिक कंजरों ने उनके क्षेत्र में आने की चुनौती दी थी जिस पर थाना प्रभारी प्रजापति ने अपराधियों को चेतावनी देते हुए कहा था कि उनके क्षेत्र में अब न आएं अन्यथा अच्छा नहीं होगा, और चोरी किए गए वाहन लौंटा दें। इस मुठभेड का विडियो जमकर वायरल हुआ था। घटना के कुछ दिनों बाद ही थाना प्रभारी का तबादला आगर जिले में कर दिया गया था।
करीब 450 से अधिक गांव प्रभावित
सामने आ रहा है कि राजस्थान के आपराधिक कंजरों की वारदात से 5 जिलों के 400 से अधिक गांव प्रभावित हैं। इन क्षेत्रों में कंजर जाकर चोरी की वारदातों को अंजाम देते रहे हैं। उज्जैन जिले के नागदा ,खाचरौद, महिदपुर, महिदपुर रोड ,झारडा थाना अंतर्गत वारदातों को अंजाम देते रहे हैं। पुलिस एवं ग्रामीणों के साथ भी इनकी मुठभेड होती रही है। पुलिस रिकार्ड में यह दर्ज हैं।
2 दर्जन डेरे के अपराधियों से खौफ
पुलिस के सूत्रों के अनुसार मध्यप्रदेश पुलिस ने अपराध करने वाले कंजरों की पूरी कुंडली तैयार कर रखी है। इसमें राजस्थान के झालावाड़ जिले में मौजूद 16 डेरों में रहने वाले आपराधिक कंजरों सहित कोटा, चित्तौड़ एवं मप्र के रतलाम जिले के 8 डेरों से संबंधित आपराधिक प्रवृत्ति के कंजर हैं। दो दर्जन डेरों के अपराध से जुडे कंजरों के कारण मध्यप्रदेश के राजस्थान से सटे जिलों में आतंक की स्थिति बनी हुई है। वारदात के बाद डेरों में भाग जाते है। इनके डेरे जंगल और पहाडियों से घिरे हुए है।
पहले अनाज लेते थे अब चोरी और मांडवली भी
दशकों पहले तक आपराधिक कंजर सीमा से सटे गांवों में लगान के रूप में अनाज लेते थे। नहीं देने पर लूट चोरी करते थे। जिस गांव से अनाज मिलता था, उस गांव में वारदात नहीं होने की गारंटी दी जाती थी। समय के साथ वारदातों का तरीका बदल गया है। अब आपराधिक कंजर गैंग कच्ची शराब, डोडा चूरा, अफीम और हथियारों की तस्करी के साथ गांव में मौजूद दलालों के संपर्क में होते हैं और वाहन- पशुओं की चोरी करते हैं। ग्रामीण कानूनी प्रपंच से बचने के लिए कंजरों द्वारा वारदात की शिकायत पुलिस को नहीं करते। इसके चलते पीडित पक्ष से दलालों के माध्यम से नकदी में मांडवली होती है ,जिसके मिलने पर पीडित को उसका माल लावारिस स्थिति में दिया जाता है।
जीप मिलने का मामला भी मांडवली से संबंधित
हाल ही में एक पखवाडे पूर्व महिदपुर थाना अंतर्गत जीप घर के सामने से चोरी हुई थी। इस मामले में पुलिस ने प्रकरण दर्ज किया था। पुलिस टीम के द्वारा लगातार दबिश दी गई थी। पुलिस थाना नागेश्वर उन्हेल जिला झालावाड राजस्थान के ग्राम अरनिया, टोंकडा में कंजर डेरों तक पहुंची थी। इसके बाद मुखबिर की सूचना पर जीप सगवाली फंटा (आलोट-महिदपुर) के पास जंगल में लावारिस अवस्था में जप्त की गई। सूत्रों का कहना है कि पुलिस के दबाव के चलते आपराधिक कंजरों ने मामले में दलालों के माध्यम से मांडवली की है। इससे पूर्व क्षेत्र के ही एक गांव से चोरी गई तीन भैंसे 7 दिन बाद संबंधित को पास के जंगल में चरती हुई मिल गई थी। खारवांकला के पास के गांव से चोरी ट्रेक्टर ट्राली 17 दिन बाद जंगल में मिली थी।