बिजली चोरी पर अंकुश नहीं- बिजली थानों की योजना भी नहीं बढ़ सकी आगे
चार साल पहले हो हल्ला मचा था लेकिन अभी तक नहीं खुल नहीं सके थाने
दैनिक अवन्तिका उज्जैन
पूरे प्रदेश के साथ ही उज्जैन जिले में भी बिजली चोरी जैसे मामले थमने के नाम नहीं ले रहे हैं। इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए करीब चार साल पहले बिजली थाने खोलने की योजना सामने आई थी लेकिन बताया गया है कि यह योजना फिलहाल ठंडे बस्ते में ही पड़ी हुई है।
मध्य, पूर्व और पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनियों में करीब 40 हजार से ज्यादा ऐसी डीपी (डिस्ट्रीब्यूशन प्वाइंट) और ग्रिड हैं, जहां से बिजली चोरी की जा रही है। इनमें से छह हजार इंदौर की पश्चिम क्षेत्र बिजली कंपनी की से बिजली चोरी हो रही है। इनमें 30 से 55 प्रतिशत तक बिजली का नुकसान हो रहा है। बिजली चोरी रोकने और बकाया बिल की वसूली के लिए चार वर्ष पहले बिजली थाने खोलने की योजना बनाई गई थी। जिसको लेकर खूब हो हल्ला मचाया गया था। 23 दिसंबर 2020 को तत्कालीन प्रमुख सचिव ने वितरण कंपनियों को चिठ्ठी लिखकर जमीन की जानकारी तक मांग ली थी। अब हाल यह है कि इन बिजली थानों की फाइल का ही पता नहीं है। हाल यह है कि जब भी बड़ी वसूली कंपनी को करना होती है तो स्थानीय पुलिस प्रशासन की मदद लेना पड़ती है।
बिजली कंपनी का अमला जब भी कार्रवाई करते हुए चोरी को पकड़ता है तो वह सीधी एफआईआर चोर पर नहीं दर्ज कर सकता है। इसके लिए अमले को स्थानीय पुलिस थाने में आवेदन देना पड़ता है। इन सभी प्रक्रियाओं से बचते हुए सीधे एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई करने के लिए बिजली थाने खोलने की योजना बनाई गई थी। कंपनी ने बिजली चोरी रोकने के लिए पिछले वर्ष एक नई योजना शुरू की है, जो भी व्यक्ति बिजली चोरी की शिकायत करेगा, उसे पुरस्कार दिया जाएगा। बिजली चुराने वाले आरोपी से जो राशि वसूल होगी, उसका 10 प्रतिशत सूचना देने वाले को बतौर पुरस्कार दिया जाएगा। कंपनी ने इसके लिए विजिलेंस टीम का गठन किया है।
खामियाजा ईमानदार लोगों को उठाना पड़ रहा
बिजली चोर वो लोग होते हैं, जो प्रशासनिक लापरवाही की वजह से बेशकीमती जमीन पर अवैध रुप से झुग्गी बनाकर ईमानदार लोगों को चिढ़ाने का काम करते हैं। इन्हें राजनीतिक दलों का पूरा संरक्षण मिला होता है। इसका खामियाजा ईमानदार लोगों को उठाना पड़ता है। ऐसे ही बिजली चोरों को पकड़ने के लिए बिजली विभाग द्वारा कुछ सालों पहले विद्युत प्रहरियों की नियुक्तियां करने का एलान किया गया था, लेकिन उस पर आज तक अमल नहीं हुआ है। इसी तरह से प्रदेश में बिजली थाने खोलने की भी योजना तैयार की गई थी, लेकिन वे भी नहीं खुल सके हैं। यह हाल तब है, जबकि प्रदेश में लगातार बिजली चोरी बढ़ रही है और बिजली कंपनियों को हर माह करोड़ों रुपए का नुकसान उठाना पड़ रहा है। इसका भार ईमानदार उपभोक्ताओं पर बिजली बिल में बढ़ोत्तरी कर डाला जा रहा है।