सोयाबीन के घटे दामों ने किसानों को परेशानी में डाला

उज्जैन। सोयाबीन के घटे हुए दामों के कारण जिले के किसानों के सामने परेशानी खड़ी कर दी है। यही हाल जिले के साथ ही प्रदेश भर के किसानों के भी है। किसानों का यह कहना है कि सोयाबीन प्रदेश की सबसे प्रमुख ही नहीं बल्कि नकदी फसल भी है अर्थात इसकी उपज बेचने से नकदी के रूप में अच्छा फायदा होता है लेकिन घटे हुए दामों के कारण उद्योगों के साथ ही आर्थिक गतिविधियों पर भी प्रभाव पढ़ने की आशंका होने से इनकार नहीं किया जा सकता है।

इधर इंदौर मंडी का यदि बात करें तो मंडी में सोयाबीन के रेट चार हजार रुपये प्रति क्विंटल पर हैं। किसानों ने इसके 6 हजार रुपये प्रति क्विंटल से ऊपर पहुंचने की उम्मीद में स्टॉक कर लिया था। लेकिन अब रेट गिरने से वो परेशान हो गए हैं। उधर सितंबर-अक्टूबर में सोयाबीन की नई उपज बाजार में आ जाएगी। दाम बढ़ने की उम्मीद में किसानों ने बीते साल की उपज को स्टॉक कर लिया था। इस पूरे साल दाम तो बढ़े नहीं उलटे और घट गए। सितंबर अंत में सोयाबीन की नई फसल आ जाएगी। ऐसे में दाम जमीन पर आने की आशंका है। परेशान किसान आंदोलन की राह पर जाने की तैयारी कर रहे हैं। 2021 में सोयाबीन के भाव 10 हजार रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गए थे। 2023 में ठीक अगस्त में सोयाबीन के दाम पांच हजार रुपये क्विंटल थे। 2022 अगस्त में सोयाबीन 5800 रुपये से 6000 रुपये क्विंटल बिका था। 2021 के बेहतर दामों का अनुभव ले चुके किसानों को उम्मीद थी कि दाम बढ़ेंगे और 6000 रुपये से ऊपर उन्हें कीमत मिलेगी। सितंबर-अक्टूबर में आने वाली नई उपज भी बंपर होने के आसार हैं। ऐसे में अगले महीनों में सोयाबीन के दाम और घटने की आशंका है।