74 दिन बाद उज्जैन शहर में नहीं मिला कोरोना पॉजीटिव
उज्जैन। शहर में 74 दिन बाद सोमवार को कोरोना संक्रमित मरीज नहीं मिला है। तीन तहसीलों में मिले पॉजीटिव मरीजों की संख्या भी 3 थी। जिस रफ्तार से कोरोना का ग्राफ कम हो रहा है। फरवरी माह के अंत तक जिला संक्रमण से मुक्त हो जाएगा। 8 दिसंबर को कोरोना की तीसरी लहर ने शहर में दस्तक दी थी। जिसके बाद दिन-ब-दिन संक्रमण का ग्राफ बढ़ता गया। जनवरी माह में प्रतिदिन डेढ़ सौ से दो सौ मरीज सामने आने लगे थे। देखते ही देखते संक्रमण का ग्राफ काफी ऊंचा पहुंच गया था। प्रशासन ने चेन तोडऩे के लिये प्रतिबंध लगा दिये। बिना मास्क वालों से जुर्माना वसूला जाने लगा। रात 11 से सुबह 5 बजे तक कफ्र्यू लगा दिया गया। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करने वालों पर जिलाधीश के आदेश का उल्लघंन करने की कार्रवाई की जाने लगी। ऐसा लगने लगा था कि फिर से संक्रमण दहशत ना फैला दे। लेकिन फरवरी की शुरुआत राहत भी हुई और कोरोना की तीसरी लहर का ग्राफ कम होने लगा। तीसरी लहर में खास बात यह रही कि किसी में गंभीर लक्षण नहीं थे, उन्हें होम आइसोलेशन में रखा जा रहा था। कुछ क्षेत्रों में संक्रमितों के लगातार मिलने पर कंटेंटमेन एरिया बनाये गये। जिलाधीश खुद लोगों से हाल-चाल पूछने पहुंचे। 74 दिनों बाद शहर में संक्रमित मरीज की पुष्टि नहीं हुई है। बडऩगर, तराना और खाचरौद में 1-1 पॉजीटिव मरीजों की पहचान हुई है। देर रात स्वास्थ्य विभाग को 1708 सेंपल की रिपोर्ट प्राप्त हुई थी। हेल्थ बुलेटिन जारी किया गया, जिसमें 25 लोगों के ठीक होने के साथ एक्टिव मरीजों की संख्या 83 रह गई थी। जनवरी में आंकड़ा दो हजार के करीब पहुंच गया था। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि फरवरी खत्म होने से पहले जिला कोरोना की तीसरी लहर से मुक्त हो जाएगा।