एक माह पहले एम्बुलेंस में हुई थी युवक की मौत रिहेब सेंटर केयर टेकरों पर दर्ज हुआ गैर इरादतन हत्या का केस
दैनिक अवंतिका उज्जैन
उज्जैन। मानिसक विक्षिप्त और नशा करने के आदी हो चुके युवक को रिहेब सेंटर लाते समय एम्बुलेंस में हुई मौत का मामला गैर इरातदन हत्या का होना सामने आया है। एक माह की जांच और पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद बुधवार को पुलिस ने रिहेब सेंटर के 4 केयर टेकरों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
तराना तहसील के ग्राम हालूखेड़ी में रहने वाला श्रवण पिता फतेहसिंह आंजना 24 वर्ष मानसिक विक्षिप्त होने के साथ नशे का आदी हो चुका था। 15-16 जुलाई की रात उसे पंथपिपलाई में संचालित होने वाले रिहेब सेंटर सनफ्लावर के केयर टेकर एम्बुलेंस से उज्जैन ला रहे थे। रात 3 बजे श्रवण की एम्बलेंस में ही मौत हो गई थी। सुबह परिजनों के आने पर उसके शरीर पर चोंट के निशान दिखाई देने पर परिजनों ने हत्या का आरोप लगाया था। मामले में तराना पुलिस ने मर्ग कायम कर पोस्टमार्टम कराया और जांच शुरू की। 34 दिन बाद बुधवार को पुलिस ने मामले में रिहेब सेंटर के चार केयर टेकर शहजाद खान निवासी नलखेड़ा, इंजार्च राजेन्द्र अग्रवाल निवासी छत्तीसगढ़, पियुष खोलवाल निवासी पिपलीनाका और नंदराम नायक निवासी सोनचिढ़ी भाटपचलाना के खिलाफ गैर इरादतन हत्या की धारा 105 और 3 (5) भारतीय न्याय संहिता में मामला दर्ज कर लिया। तराना थाना एसआई एचआर अंगोरिया ने बताया कि चारों की गिरफ्तारी के प्रयास शुरू कर दिये गये है। जल्द चारों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया जायेगा।
मारपीट और दम घुटने से हुई थी मौत
बताया जा रहा है कि परिजनों के आरोप पर पुलिस ने मृतक श्रवण का डॉक्टरों की पैनल से पोस्टमार्टम कराया था। मृतक के शरीर पर चोंट के निशान मिले थे, जिसके बाद बिसरा फारेंसिक लेब जांच के लिये भेजा गया था। जानकारी सामने आई है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मारपीट के साथ मुंह दबाने और सांस रूकने से मौत होना सामने आया है। घटनाक्रम के बाद परिजनों ने श्रवण को इंजेक्शन लगाने की बात भी कहीं थी, जिसकी पुष्टि नहीं हो पाई है। परिजनों ने पहले ही हत्या की आशंका जताते हुए रिहेब केयर टेकरों पर आरोप लगाये थे।
केयर टेकर बोले थे बेकाबू हुआ था श्रवण
तराना से उज्जैन लाते समय हुई श्रवण की मौत के बाद मामले ने तूल पकड़ा तो उसे एम्बुलेंस से लाने वाले केयर टेकरों ने कहा था कि रास्ते में श्रवण बेकाबू हो गया था। उसे एम्बुलेंस का दरवाजा खोल लिया था और कूदने का प्रयास किया था। उसे काबू में करने के दौरान दरवाजा से चोंट लगी थी। विदित हो कि रिहेब सेंटर डॉ. पराग ढोबले द्वारा संचालित किया जाता है। परिजनों ने श्रवण के उपचार के लिये डॉक्टर से संपर्क किया था और केयर टेकरों के साथ रवाना किया था।