स्मार्ट सिटी उज्जैन को साफ रखने के लिए नगर निगम करोड़ों रुपए खर्च कर रहा , लेकिन शहर में गंदगी और कूड़े के ढेर
दैनिक अवंतिका उज्जैन
उज्जैन। स्मार्ट सिटी उज्जैन को साफ रखने के लिए नगर निगम करोड़ों रुपए खर्च कर रहा है। लेकिन शहर में गंदगी और कूड़े के ढेर निगम के बजट पर पानी फेर रहे हैं। निगम ने घर-घर से कूड़ा कलेक्शन के लिए स्मार्ट सिटी के तहत ग्लोबल कंपनी से अनुबंध भी किया है। लेकिन घरों से कूड़ा लेने की व्यवस्था भी कई जगह फेल हो गई है। जिसका खामियाजा शहर के बाशिंदों को भुगतना पड़ रहा है। शहर की सफाई व्यवस्था को दुरुस्त रखने के लिए नगर निगम द्वारा घर-घर कूड़ा उठाने की व्यवस्था की गई है। शहर के सभी इलाकों में सफाई निरीक्षकों के साथ ही कर्मचारी की भी तैनाती की गई है। बावजूद सफाईव्यवस्था में कोई सुधार नहीं हो रहा है। शहर के कई इलाके ऐसे हैं जहां सिर्फ कागजों में ही सफाई की जाती है वहीं कई इलाकों में तो डोर टू डोर कर्मचारी कचरे को उठाने तक नहीं आते हैं नगर निगम के अधिकारियों की नियमित निगरानी नहीं होने के कारण सफाई व्यवस्था बिगड़ी हुई है। शहर के कई इलाके तो ऐसे हैं जहां पर कई दिनों से सड़क और नालियों की सफाई नहीं हुई है जिसका खामियाजा शहरवासियों को भुगतना पड़ रहा है।
महाकाल सहित कई क्षेत्रों में बिगड़ी हुई है सफाई व्यवस्था
महाकाल मंदिर क्षेत्र में भी यही आलम है, यहां पर कई जगह कचरे के ढेर लगे हुए हैं। आसपास के लोगों का कहना है कि कई दिन से कचरे का ढेर पड़ा हुआ है लेकिन इसे उठाने के लिए कोई नहीं आता। इसी तरह दौलतगंज, तोपखाना, फवारा चौक, लाल मस्जिद नई सड़क, लोहे का पुल, गुदरी चौराहा, कार्तिक चौक सवारी मार्ग सहित कई इलाकों में कचरे के ढेर लगे हुए हैं, साथ ही नालियां चोक हैं जिनकी कई समय से सफाई नहीं हुई है।
महाकाल क्षेत्र में सफाई कर्मियों की संख्या कम
इधर महाकाल क्षेत्र में कई जगह साफ सफाई नहीं होने का मुख्य कारण यह है की सफाई कर्मियों की इस क्षेत्र में संख्या कम है जबकि यहां पर हमेशा लोगों की भीड़ रहती है और रोजाना अत्यधिक कचरा निकलता है लेकिन सफाई कर्मियों की संख्या कम होने के कारण सफाई व्यवस्था कई दिनों से बिगड़ी हुई है प्रतिदिन होने वाली सफाई कई क्षेत्रों में नहीं हो पा रही है और ना ही कचरा उठ पा रहा है।