खुरसानी इमली को लेकर ऐतिहासिक आदेश

मांडू। मांडू की प्रसिद्ध खुरसानी इमली को लेकर उच्च न्यायालय जबलपुर ने का ऐतिहासिक आदेश इेते हुए भूमि से उखाड़े गए ,प्रति एक पेड़ के बदले 10 पेड़ लगाने के निर्देश दिए है।
धार जिले के मांडू की प्रसिद्ध दुर्लभ प्रजाति की खुरसानी इमली के पेड़ों की कटाई का मामला उस वक्त चर्चा में आया था जब एक हैदराबाद की कंपनी द्वारा पेड़ो को काट कर लेजाया जा रहा था।

ऐतिहासिक और पुरातात्विक धरोहर मांडू में, खुरसानी इमली का अपना अलग स्थान है, जहां यह दुर्लभ खुरसानी इमली के पेड़ पाए जाते हैं, लेकिन यहां पर यह बहुतायत में नहीं है। विगत वर्षो खुरसानी इमली के पेड़ों को, हैदराबाद के एक निजी गार्डन में लगाने के लिए धड़ल्ले से उखाड़ा जा रहा था। जिसको लेकर एक बड़ा जनआंदोलन भी हुआ था। तब उक्त मामले में, धार कलेक्टर ने विगत वर्ष 11 मई 2023 को पेड़ उखाड़ने और परिवहन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया था। वहीं कुछ पेड़ों को वापस किया गया था। उक्त मामले में 8 अगस्त 2024 को  उच्च न्यायालय जबलपुर ने स्वयं संज्ञान में लिया था और 13 अगस्त को आदेशित किया गया कि, जिन कृषकों के खेत से खुरसानी इमली के वृक्षों को उखाड़े गए थे। उन वृक्षों के एवज में 1 पेड़ के बदले 10 गुना खुरसानी इमली के पौधों का रोपण कराया जाए। वही यह खुरसानी इमली के पौधे , सामाजिक वानिकी झाबुआ द्वारा उपलब्ध कराए जा रहे है।

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