विशेष पिछड़ी जनजाति बहुल क्षेत्रों में 10 सितंबर तक चलेगा जागरूकता अभियान

केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महाअभियान   के लिए राष्ट्रव्यापी सूचना, शिक्षा व संचार अभियान और लाभार्थी शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। यह 10 सितंबर तक चलेगा। अभियान में देश के 194 जिलों में विशेष पिछड़ी जनजाति समूहों   की बस्तियों और पीवीटीजी परिवारों तक पहुंचने के प्रयास किये जायेंगे।

गत वर्ष 100 जिलों में आईईसी अभियान चलाया गया था। इसमें 18 राज्यों और अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के लगभग 500 ब्लॉक्स और 15 हजार पीवीटीजी बस्तियों को शामिल किया गया था। इस वर्ष मध्यप्रदेश सहित देश के 194 जिलों की 28 हजार 700 पीवीटीजी बस्तियों में 10 लाख 70 हजार परिवारों के 44 लाख 60 हजार व्यक्तियों तक पहुंचने के लिए और व्‍यापक अभियान चलाया जा रहा है। अभियान में जिलों से लेकर ब्लॉक तक, ब्लॉक से लेकर गांव तक और पीवीटीजी बस्तियों में जागरूकता के कामों को अंजाम दिया जाएगा। अभियान का उद्देश्य पीवीटीजी परिवारों को व्यक्तिगत अधिकारों का लाभ देना और पीवीटीजी बस्तियों में बुनियादी सुविधाएं देने के लिए पीएम-जनमन के लक्ष्यों के बारे में जानकारी देना है, ताकि इन समुदायों को केंद्र और राज्य की योजनाओं और उनके तहत मिलने वाले लाभों के बारे में जागरूक किया जा सके। इसमें हर उस पीवीटीजी परिवार को शामिल किया जाएगा जिनसे दूरी, सड़क और डिजिटल कनेक्टिविटी की कमी के कारण संपर्क नहीं हो सका है। ऐसे परिवारों को उनके घर पर ही सुविधाएं दी जाएंगी। कार्यक्रमों के आयोजन के लिए हाट बाजार, सामुदायिक सेवा केंद्र, ग्राम पंचायत, आंगनवाड़ी, बहुउद्देशीय केंद्र, वन-धन विकास केंद्र, कृषि विज्ञान केंद्र का उपयोग किया जाएगा। अभियान को सफल बनाने के लिए माई भारत स्वयंसेवकों, नेहरू युवक केंद्रों, कृषि विज्ञान केंद्रों, एनएसएस, एनसीसी, एसएचजी/एफपीओ का सक्रिय सहयोग लिया जाएगा।

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