3 साल में शहर को मिलेगा 64 किलोमीटर लंबा पश्चिमी बायपास
पहले चरण में महू से हातोद के 34 किलो. मीटर का निर्माण होगा
इंदौर। 24 साल बाद अब शहर को एक और बायपास मिलने जा रहा है पर 19 गांव की 400 एकड़ जमीन पर हा बनने वाले पश्चिमी बायपास से के जहां यातायात का दबाव कम होगा ना वहीं 64 किलो. मीटर लंबे इस या बायपास के बनाने पर 1500 के करोड़ रुपय खर्च हो रहे है।
पहले के चरण में महूं से हातोद तक काम वहीं प्रारंभ होगा वहीं देपालपुर क्षेत्र के 4 गांव की 8 किलो. मीटर जमीन सड़क बनाने के लिए अधिगृहित ल की जा रही है।
इसके लिए पर अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। राष्ट्रीय राज मार्ग प्राधिकरण के वहीं अनुसार इस सड़क के निर्माण से जहां इंदौर अहमदाबाद, इंदौर-नागपुर और इंदौर-चितौड़गड़ की और जाने वाला यातायात को अन्य क्षेत्रों से हटाया जा सकेगा।
इससे अन्य सड़कों पर दबाव भी कम होगा। वहीं बायपास के किलोमीटर लंबे हिस्से में शनपुरा, बेटमा खुर्द मोहना गांव और ललेंडीपुरा की 8.1257 हेक्टयर जमीन का अधिगृहण किया जाएगा।
64 किलो मीटर लंबे बायपास के इस प्रोजेक्ट के 1500 करोड़ का खर्च किया जा रहा है। पहले चरण में महूं से हातोद के हिस्से का काम इसी साल प्रारंभ हो जाएगा। वहीं इस वायपास के लिए 13 जगहों पर सरकारी जमीनों अधिगृहण किया गया है जबकि 43 जमीने नीजि है और किसानों की इनका अधिगृहण किया जाना है।
महू से हातोद तक 34 किलोमीटर लंबे हिस्से में काम चलेगा। बायपास महूं से एवी रोड से होकर शिप्रा के समिप पूर्वी वायपास से जुड़ जाएगा। इसके बनने से शहर के चारो तरफ बायपास की रिंग बन जाएगी। उल्लेखनीय है कि 24 साल पहले पूर्वी वायपास का निर्माण किया गया था। इस बायपास को पीथमपुर से भी जोड़ा जा रहा है।
वहीं बायपास पर चार बड़े 4 लेन ब्रिज और 15 से ज्यादा छोटे ब्रिज का निर्माण भी किया जाएगा। 3 साल में इसका निर्माण पूरा होने के साथ ही इस पर टोल वसुला जाएगा।