प्रदेशभर में चल रही कार्यशाला के साथ सदस्यता अभियान के सारे सूत्र सीएम के हाथ
सत्ता के साथ संगठन को भी महत्व देने में दे रहे समय
इंदौर। भाजपा के सदस्यता अभियान को खुद मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव मॉनिटर कर रहे हैं। इस वजह से भाजपा के नेता खास तौर पर सदस्यता अभियान को लेकर सतर्क हैं।
मुख्यमंत्री ने सदस्यता अभियान को नेताओं की जनाधार की कसौटी से जोड़ दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि जो भाजपा नेता कमजोर क्षेत्र में अधिक से अधिक सदस्य बनेंगे उन्हें सत्ता में भागीदार बनाने के संबंध में गंभीरता से विचार किया जाएगा।
यही वजह है कि इस बार भाजपा के संगठन चुनाव और सदस्यता अभियान अलग लेवल पर दिख रहे हैं। इस मामले में संगठन भी पूरी तरह से गंभीर है। प्रदेश में भाजपा के सदस्यता अभियान को लेकर पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में कार्यशाला आयोजित की गई।
इस कार्यशाला में सदस्यता अभियान की रूपरेखा और अधिक से अधिक लोगों को सदस्य बनाने के उपस्थित सदस्यों से सुझाव भी लिए गए।
इस कार्यशाला में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह मौजूद रहेंगे। इसके साथ-साथ पार्टी के प्रदेश कोर ग्रुप के सदस्य, प्रदेश पदाधिकारी, संभाग प्रभारी, प्रदेश सदस्यता अभियान टोली, सांसद, विधायक, जिला प्रभारी, जिला अध्यक्ष, जिला महामंत्री, मोर्चों के प्रदेश अध्यक्ष, मोर्चों के प्रदेश महामंत्री, प्रकोष्ठों के प्रदेश संयोजक, विभागों के प्रदेश संयोजक, महापौर, जिला पंचायत, अध्यक्ष व उपाध्यक्ष, जिला सदस्यता अभियान टोली ओर नगर पालिका अध्यक्ष शामिल हुए।
सदस्यता अभियान का पहला चरण एक से 25 सितंबर तक चलेगा। वहीं दूसरे चरण में एक अक्टूबर से 15 अक्टूबर तक नए सदस्यो को जोड़ने का अभियान चलेगा।
भाजपा ने पिछली बार मध्य प्रदेश में 95 लाख सदस्य बनाए थे। इस बार ढाई करोड़ लोगों को सदस्यता दिलाने का लक्ष्य तय किया है। भाजपा ने तय किया है कि जिनकी छवि अच्छी नहीं है या जिनका आपराधिक रिकॉर्ड है, ऐसे लोगों को पार्टी की सदस्यता नहीं दी जाएगी।
कार्यशाला में कहा गया कि कांग्रेस कार्यकर्ता भी पार्टी में आना चाहेंगे तो उनका स्वागत है लेकिन पार्टी छोड़ गए कार्यकर्ताओं की वापसी अनुशासन समिति के निर्णय पर निर्भर करेगी।
मिस्ड काल के अलावा क्यू आर कोड को स्कैन करके भी पार्टी की सदस्यता लेने का मौका दिया गया है। नमो एप और पार्टी की तरीकों पर बात की गई।
वेबसाइट पर भी सदस्यता की सुविधा मिलेगी। आदिवासी अंचल पर खास फोकस भाजपा का खास फोकस आदिवासी अंचल पर होगा। लगातार दो विधानसभा चुनाव से आदिवासी अंचल में भाजपा को अपेक्षित सफलता नहीं मिली है। 2018 में तो काफी नुकसान हुआ था लेकिन 2024 में भी भाजपा 2008 और 2013 का अपना पुराना प्रदर्शन नहीं दोहरा पाई।
इस वजह से खासतौर पर भाजपा का नेतृत्व चाहता है कि आदिवासी अंचल में सदस्यता अभियान पूरी ताकत के साथ चलाया जाए।
मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा के साथ ही प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद खासतौर पर आदिवासी अंचल पर ध्यान देंगे।