बेग में मोबाइल छुपाकर छात्र ने रचा था लूट का षडयंत्र

उज्जैन। नया मोबाइल लेने के मकसद से छात्र ने शुक्रवार को पड़यंत्र रचा और बिना नबंर की बाइक से आये 2 बदमाशों द्वारा मोबाइल लूटने की कहानी परिजनों और पुलिस को बता दी। टॉवर चौक पर हुई वारदात का पता चलने पर पुलिस ने जांच-पड़ताल शुरू की। 6 घंटे में मामले का पर्दाफाश हो गया। छात्र  के बेग से ही उसका मोबाइल बरामद कर लिया गया है। भैरवगढ़ थाना क्षेत्र के गांव में रहने वाला कक्षा 11 वीं का नाबालिग छात्र अपने बडे पापा के साथ चिमनगंज थाना क्षेत्र के वीरनगर में निवास करता है और लोटि स्कूल में अध्ययनरत है। वह प्रतिदिन अपनी मौसेरे भाई के साथ स्कूटी से स्कूल आता है। भाई को काम से ग्राम सिकंदरी जाना था, उसने छात्र को टॉवर चौक पर छोड़ दिया था। इसी बीच छात्र ने मोबाइल लूट की साजिश रची और सबसे पहले टॉवर चौक पर ज्यूस की दुकान पर पहुंचा, उसने अपने साथ मोबाइल लूट की वारदात होना बताकर परिजनों को फोन करने के लिये मोबाइल मांगा। दुकानदार ने अपना मोबाइल दिया, लेकिन छात्र का अपने बड़े पापा से संपर्क नहीं हो पाया। उसके बाद वह अनाज मंडी गेट पर बडे पापा की दुकान पहुंचा। जहां उसने बताया कि टॉवर पर बिना नम्बर की बाइक पर 2 युवक आये थे। उन्होने मोबाइल पर आपका फोटो दिखाया और कहा कि बडे पापा ने बुलाया है। उसने अपना मोबाइल निकालकर कॉल करने का प्रयास किया तो दोनों मोबाइल लूटकर भाग निकले। बडे पापा उसे दोपहर 1 बजे लगभग माधवनगर थाने लेकर पहुंचे। जहां पुलिस ने मामले को गंभीरता से लिया और जांच शुरू की। टॉवर पर किसी ने भी वारदात होना नहीं बताया। पुलिस ने कैमरों के फुटेज देखे लेकिन मोबाइल लूट की वारदात होना कहीं सामने नहीं आया। शाम को छात्र को परिजनों के साथ थाने बुलाया गया। जहां मनोवैज्ञानिक तरीके से पूछताछ करने पर मोबाइल उसके बेग से ही बरामद हो गया। जिसे स्वीच आॅफ कर किताबों के बीच छुपाकर रख लिया था।
गेम खेलने के लिये चाहिये था नया मोबाइल
मामले का पर्दाफाश होने पर एसआई पवन वास्कले ने बताया कि नाबालिग छात्र से पूछताछ की गई तो उसने बताया कि कुछ दिन पहले उसने पापा से नया मोबाइल मांगा था, उसे मोबाइल पर गेम खेलना था। पिता ने पुराना मोबाइल पूरी तरह से खराब होने पर नया दिलाने की बात कहीं थी। इसी के चलते उसने अपने साथ मोबाइल लूट की साजिश रची और घटनाक्रम बडे पापा का बताया। पुलिस ने नाबालिग की काउंसिलिंग और समझाईश के बाद परिजनों के साथ घर भेज दिया गया।

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