महाकाल के खजाने में 15 करोड से अधिक की आय
उज्जैन। महाकाल मंदिर के खजाने में बीते एक माह के दौरान 15 करोड से अधिक की आय हुई है। यह आय सावन माह के दौरान हुई है। बता दें कि सावन माह में मंदिर में देश विदेश से आए भक्तों का तांता लगा हुआ था वहीं भक्तों ने नकदी चढ़ावे के साथ ही चांदी सोना आदि के आभूषण भी बाबा महाकाल को अर्पित किए।
मंदिर प्रशासक गणेश कुमार धाकड़ ने बताया श्रावण मास में देशभर से हजारों भक्त भगवान महाकाल के दर्शन करने आए थे। भक्तों की संख्या बढ़ी तो विभिन्न स्रोतों से आय भी प्राप्त हुई। भक्तों ने मंदिर समिति द्वारा संचालित विभिन्न प्रकल्पों के अलावा काउंटर पर भी नकद राशि जमा की है। एक माह में मंदिर समिति को 15 करोड़ 64 लाख 53 हजार 137 रुपए की आय हुई है। देश-विदेश से भगवान महाकाल के दर्शन करने आने वाले भक्त अपने साथ 7 करोड़ 8 लाख 82 हजार 200 रुपए का लड्डू प्रसाद भी खरीदकर ले गए हैं। यह राशि कुल आय में शामिल है।
कैसे हुई समिति को आय
समिति को काउंटर से 26 लाख 92 हजार 866 रुपए
अन्नक्षेत्र में दान से 10 लाख 21 हजार 724 रुपए
भांग शृंगार की बुकिंग से 1 लाख 10 हजार रुपए
शिखर पर चढ़ाए जाने वाले ध्वज की शासकीय रसीद से 20 हजार 900 रुपए
ऑनलाइन दान 11 लाख 68 हजार 100 रुपए
गर्भगृह की भेंट पेटी से 19 लाख 22 हजार 127 रुपये
अन्य भेंट पेटियों से 2 करोड़ 95 लाख 21 हजार 9 रुपए मिले।
कृषि भूमि से 86 हजार 100 रुपये
महाकाल धर्मशाला के किराए से 57 हजार 678 रुपए
मनीआर्डर से 17 हजार 548 रुपए
अन्य स्रोत से 19 लाख 60 हजार 447 रुपए
फोटोग्राफरों के मासिक शुल्क से 18 हजार 64 रुपए
पं.सूर्यनारायण व्यास धर्मशाला में कमरों के किराए से 3 लाख 95 हजार 950 रुपए
आरटीआई से 274 रुपये, प्लास्टिक भंगार के विक्रय से 1 लाख 76 हजार 271 रुपए
सवारी में भक्तों की भेंट से 5 हजार 505 रुपए
उज्जैन दर्शन बस के किराए से 77 हजार 142 रुपए
विशेष दर्शन टिकट के विक्रय से 4 करोड़ 63 लाख 12 हजार रुपए की राशि मिली।