सहकारी समिति का प्रबंधक निकला करोड़ों का मालिक

– कन्नौद में ईओडब्ल्यू का छापा, 47 बीघा जमीन का चला पता
उज्जैन। किसानों के साथ जालसाजी में जेल जा चुका सहकारी समिति का प्रबंधन करोड़पति होना सामने आया है। ईओडब्ल्यू की टीम ने मंगलवार सुबह कन्नौद पहुंचकर उसके तीन स्थानों पर दबिश मारी। 500 रुपए से 28 साल पहले नौकरी की शुरुआत करने वाले प्रबंधक के पास 4 करोड़ के लगभग संपत्ति होना सामने आ चुका है।
आय से अधिक संपत्ति की शिकायत मिलने के बाद उज्जैन ईओडब्ल्यू पुलिस अधीक्षक दिलीप सोनी के निर्देश पर डीएसपी अजय कैथवास के नेतृत्व में मंगलवार सुबह 7 बजे कन्नौद के पास डोकाकुई में सहकारी समिति प्रबंधक गोविंद पिता भोलू बागवान के तीन ठिकानों पर दबिश मारकर सर्चिंग की शुरुआत की। वर्ष 1993 में 500 रुपए से नौकरी की शुरुआत करने वाला प्रबंधक करोड़ों की संपत्ति का मालिक होना सामने आ गया। सर्चिंग में पता चला कि उसने 54 लाख के 3 मकान और एक गोदाम बना रखा है। 47 बीघा जमीन ढाई करोड़ से अधिक की है। ट्रैक्टर और दो बाइक के साथ ढाई लाख रुपए बैंक में जमा है। सर्चिंग में घर से 62 हजार रुपए नगद और 3.70 लाख के आभूषण टीम को मिले। ईओडब्ल्यू की टीम प्रबंधक के ऑफिस पहुंचे जहां से दस्तावेज जप्त किए गए हैं। देर शाम तक टीम की सर्चिंग जारी थी। आज बैंक खातों की डिटेल के साथ लॉकर की जानकारी निकाली जाएगी। सुबह जैसे ही टीम ने दबिश मारी प्रबंधक और परिवार के होश उड़ गए। पहले आनाकानी की गई लेकिन टीम ने अपनी कार्रवाई को शुरू कर दिया। टीम सर्चिंग के दौरान प्रबंधक गोविंद बागवन डरा सहमा नजर आ रहा था। डीएसपी अजय कैथवास ने बताया कि नौकरी के दौरान उसका वेतन 500 से बढ़कर 2021 में 18 हजार रुपए पहुंचा था। धोखाधड़ी के मामले में जेल जाने के बाद अब उसका वेतन 8 हजार रुपए है। नौकरी के दौरान उसने अपने वेतन से बच्चों की शादी की वही बीमारी में भी पैसा खर्च हुआ। बावजूद संपत्ति आय से अधिक होना सामने आई है।