एमपी के मवेशी अब आवारा नहीं बल्कि निराश्रित बोले जाएंगे
एमपी के शहरों की सड़कों पर घूमने वाले मवेशियों को अब आवारा की जगह निराश्रित बोला जाएगा। विशेषकर गायों के लिए सूबे की मोहन सरकार ने आदेश जारी किया है।
सरकार ने एक आदेश जारी आवारा की जगह निराश्रित लिखने और बोलने कहा गया है। सरकार के इस आदेश का शासकीय लिखा पढ़ी में पालन भी शुरू हो गया है।
इस मामले को लेकर पूर्व विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया ने सरकार से पहल की मांग की थी। उनकी मांग पर सरकार ने उक्त फैसला लिया है। इस संबंध में कांग्रेस प्रवक्ता स्वदेश शर्मा ने कहा है कि यदि गायों को निराश्रित कहा जाएगा तो उनकी पेंशन भी शुरू कर देना चाहिए। गायों के लिए व्यवस्थाएं कर नहीं कर पा रहे हैं अब नाम बदल रहे हैं। व्यवस्था बदलने के बजाय नाम बदलने का काम चल रहा है। ऐसी स्थिति में निराश्रित गायों के लिए पेंशन शुरू होना चाहिए। वहीं बीजेपी प्रवक्ता अजय सिंह यादव ने पलटवार करते हुए कहा है कि बीजेपी सरकार ने दूध पर बोनस शुरू किया है। गौशालाओं की संख्या बढ़ाई गई है तो गायों के चारे की राशि भी बढ़ाई गई है। गायों की स्थिति के लिए कांग्रेस जिम्मेदार रही है। बीजेपी निरश्रित पशुओं को लेकर लगातार गंभीर रही है।