कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है

केंद्रीय कृषि व ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पटना में कृषि भवन में किसानों के साथ  चर्चा की। श्री चौहान ने कहा कि कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और किसान उसकी आत्मा है। किसानों की सेवा ही मेरे लिए भगवान की पूजा है।

हम पूरी कोशिश करेंगे कि हम देश के किसानों का कल्याण कर सकें। केंद्रीय मंत्री चौहान ने कहा कि हमारे किसानों के लिए 6 सूत्र हैं जिन पर हम काम कर रहे हैं। उत्पादन बढ़ाना, इसके लिए जरूरी है अच्छे बीज। उत्पादन अच्छा है लेकिन और संभावना है। फल, सब्जी, अनाज, दलहन, तिलहन के अच्छे बीज जरूरी हैं। मुझे खुशी है कि 65 फसलों की 109 प्रजातियों के बीज प्रधानमंत्री नेकिसानों को समर्पित किये हैं। ऐसी धान की किस्म है जिसमें 30% कम पानी लगता है। बाजरे की एक किस्म है जिसकी फसल 70 दिन में आ जाती है। ऐसे बीज हैं जो जलवायु के अनुकूल हैं। बढ़ते तापमान में भी अच्छा उत्पादन देते हैं। उन्होंने कहा कि उत्पादन की लागत घटाना हमारा दूसरा संकल्प है। तीसरी चीज है उत्पादन के ठीक दाम मिल जाएँ। यहाँ का मखाना धूम मचा रहा है। मखाना एक्सपोर्ट क्वालिटी का पैदा हो रहा है। चीजें एक्सपोर्ट होती है तो किसान को ज्यादा फायदा होता है। इससे जुड़ा कार्यालय बिहार में आये, इसके लिए मैं प्रयास करूंगा। श्री चौहान ने कहा कि कृषि का विविधीकरण सरकार के रोडमैप में है। परंपरागत फसलों के साथ ही ज्यादा पैसे देने वाली फसलों को बढ़ावा देने में हम कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। बिहार का टैलेंट दुनिया में अद्भुत है। इस टैलेंट का ठीक उपयोग बिहार को भारत का सिरमौर नहीं बनाएगा, भारत को दुनिया का सिरमौर बना देगा।