राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की मध्य क्षेत्र की नई टीम का दलित और आदिवासी पर फोकस, नए प्रांत प्रचारक राजमोहन की उज्जैन में बड़ी भूमिका

इंदौर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की मध्य क्षेत्र की नई टीम ने गुरु पूर्णिमा उत्सव के बाद कार्यभार संभाल लिया है। मार्च में संपन्न नागपुर की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक के बाद मध्य क्षेत्र में कुछ महत्वपूर्ण दायित्व परिवर्तन हुए थे।
इनके तहत पिछले 6 वर्षों से क्षेत्र प्रचारक का दायित्व संभाल रहे दीपक विस्पुते को पदोन्नति कर अखिल भारतीय सह बौद्धिक प्रमुख बनाया गया है। उनके स्थान पर मध्य भारत में प्रांत प्रचारक का दायित्व देख रहे हैं स्वप्निल कुलकर्णी को क्षेत्र प्रचारक के पद पर पदोन्नत किया गया। इसी के साथ छत्तीसगढ़ प्रांत के प्रांत प्रचारक प्रेम शंकर सिदार को सह क्षेत्र प्रचारक की जवाबदारी दी गई है।
इन दोनों ने अपनी नई जिम्मेदारिया को संभाल लिया है। संघ की कार्य पद्धति में परंपरा है कि नव नियुक्त पदाधिकारी संघ शिक्षा वर्ग के बाद अपना कार्यभार संभालते हुए क्षेत्र के अंतर्गत महाकौशल और मालवा प्रांत आते हैं।

देश के राजनीतिक नक्शे के हिसाब से मध्य क्षेत्र के अंतर्गत मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ राज्य आते हैं। संघ ने मार्च में कुछ प्रांत प्रचारकों के दायित्वों में भी परिवर्तन किया था। इसके तहत मध्य भारत का प्रांत प्रचारक विमल गुप्ता को बनाया गया है।
इसी तरह महाकौशल में ब्रजकांत को प्रांत प्रचारक की जवाबदारी दी गई है। जबकि छत्तीसगढ़ में अभयराम नए प्रांत प्रचारक होंगे।
यहां नारायण नामदेव को सह प्रांत प्रचारक बनाया गया है। इसी तरह मालवा प्रांत में प्रांत प्रचारक बलिराम पटेल को अखिल भारतीय सद्भाव समन्वय प्रमुख का दायित्व देते हुए उनका केंद्र उदयपुर निर्धारित किया है।
उनके स्थान पर राजमोहन सिंह को मालवा प्रांत की जवाबदारी दी गई है। सभी नए पदाधिकारियों ने अपना दायित्व ग्रहण कर लिया है। सूत्रों के अनुसार शताब्दी वर्ष के तहत जो कार्य योजना बनाई गई है उसमे मध्य क्षेत्र की नई टीम का फोकस प्रमुख रूप से सामाजिक सद्भाव और समाज के कमजोर वर्गों की ओर रहेगा।

इसी के तहत खास तौर पर आदिवासी अंचल के लिए विशेष योजना बनाई गई है। नए क्षेत्र प्रचारक स्वप्निल कुलकर्णी सामाजिक समरसता पर जोर देने वाले प्रचारक माने जाते हैं। उन्होंने लंबे समय आदिवासियों और दलितों के बीच काम किया है। धार और झाबुआ विभाग प्रचारक रहने के दौरान स्वप्निल कुलकर्णी ने खास तौर पर निमाड़ अंचल के आदिवासियों के बीच संघ कार्य का विस्तार किया है। उन्हें कार्यकर्ताओं से निरंतर संवाद और लगातार प्रवास के लिए जाना जाता है। स्वप्निल कुलकर्णी गैर राजनीतिक मानस के प्रचारक माने जाते हैं। यही वजह है कि उन्होंने मध्य क्षेत्र के सभी प्राचार्य को और दायित्ववान कार्यकर्ताओं से कहा है कि वो राजनीति से दूर रहे।
मध्य क्षेत्र में संघ का जोर ज्यादा से ज्यादा दलित और आदिवासियों को संघ स्थान पर लाने के लिए रहेगा। सूत्रों के अनुसार स्वप्निल कुलकर्णी मुख्य रूप से शाखा विस्तार पर फोकस करने वाले हैं।
निवृतमान क्षेत्र प्रचारक दीपक विस्पुते अब अब संघ के राष्ट्रीय सह बौद्धिक प्रमुख का दायित्व संभालेंगे। उनका मुख्यालय भोपाल ही रहेगा संघ में यह भूमिका भी बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है।
मालवा प्रांत के नए प्रांत प्रचारक राजमोहन नई पीढ़ी को संघ से जोड़ने में सिद्ध हस्त माने जाते हैं और बेहद टेक्नो फ्रेंडली भी है। युवाओं में वह बेहद लोकप्रिय है और उनसे जुड़े विचारों पर प्रभावी प्रबोधन के लिए भी जाने जाते हैं। वे अभी तक उज्जैन में रहकर मालवा प्रांत के सह प्रांत प्रचारक की भूमिका निभा रहे थे और पिछले विधानसभा चुनाव में उज्जैन संभाग में भाजपा को मिली अपार सफलता के पीछे भी उन्हीं की मुख्य भूमिका रही थी।

मालवा प्रांत में संघ की शाखाओं के विस्तार की उनके रणनीति भी कामयाब रही। अभी तक मालवा प्रांत के प्रांत प्रचारक की भूमिका निभा रहे बलिराम पटेल अब अखिल भारतीय सहसंयोजक की हैसियत से संघ मे सामाजिक सद्भाव का काम देखेंगे। इनका मुख्यालय उदयपुर रहेगा। उन्होंने भी वहां पहुंचकर कार्य प्रारंभ कर दिया है।
मालवा प्रांत में ग्रामीण क्षेत्र में संघ को मजबूत करने में बलिराम पटेल की बड़ी भूमिका मानी जाती है। वे बेहद सरल सौम्य और सबको साथ लेकर चलने वाले प्रांत प्रचारक रहे।