अधूरा ज्ञान हमेशा परेशानियों का कारण बनता है
अज्ञान या अधूरा ज्ञान हमेशा परेशानियों का कारण बनता है। अत: व्यक्ति को सदैव ज्ञान अर्जित करने के लिए प्रयास करते रहना चाहिए। सभी प्रकार की जानकारी होगी तो हमारा दिमाग अच्छे-बुरे समय में सही निर्णय ले सकेगा। महाभारत में अभिमन्यु अधूरे ज्ञान की वजह से मारा गया था।
अगर दैनिक जीवन में जीवन में शास्त्रों में बताई गई नीतियों का ध्यान रखेंगे तो बहुत सी परेशानियों से बच सकते हैं। गीताप्रेस गोरखपुर द्वारा प्रकाशित संक्षिप्त गरुड़ पुराण के नीतिसार में सुखी और सफल जीवन के लिए बहुत सी बातें बताई गई हैं। इस पुराण में बताया गया है कि किन कारणों से कोई व्यक्ति परेशानियों का सामना करना पड़ता है। किसी भी काम में सफलता पाने के लिए सही ज्ञान होना आवश्यक है। अज्ञान या अधूरा ज्ञान हमेशा परेशानियों का कारण बनता है। अत: व्यक्ति को सदैव ज्ञान अर्जित करने के लिए प्रयास करते रहना चाहिए। सभी प्रकार की जानकारी होगी तो हमारा दिमाग अच्छे-बुरे समय में सही निर्णय ले सकेगा। महाभारत में अभिमन्यु अधूरे ज्ञान की वजह से मारा गया था। उसे चक्रव्यूह में प्रवेश करना तो आता था, लेकिन बाहर कैसे आते हैं, ये उसे नहीं मालूम था। अहंकार यानी खुद को श्रेष्ठ समझना और दूसरों को नाकाबिल समझना। जो लोग सिर्फ मैं या अहं के भाव के साथ जीते हैं, वे जीवन में कभी भी सफलता हासिल नहीं कर पाते हैं। यदि किसी काम में सफलता मिल भी जाती है तो वह स्थाई नहीं होती है। अहं की भावना व्यक्ति के पतन का कारण बनती है। रावण को ये अहंकार था कि वो सबसे शक्तिशाली है और उसे कोई मार नहीं सकता है। इसी अहंकार के कारण वह श्रीराम के हाथों मारा गया। किसी भी चीज में बहुत ज्यादा मोह होना भी परेशानियों का कारण बन जाता है। कई लोग मोह के कारण सही और गलत का भेद भूल जाते हैं। महाभारत में धृतराष्ट्र को दुर्योधन से बहुत अधिक मोह था। वे दुर्योधन की गलतियों को नजरअंदाज करते थे। इस वजह से कौरव वंश का नाश हो गया।