2 सितंबर को महाकाल की शाही सवारी…सोमवती का भी होगा स्नान
उज्जैन। आगामी 2 सितंबर को भूत भावन महाकाल की शाही सवारी निकलेगी लेकिन इसी दिन सोमवती अमावस्या होने से शिप्रा के साथ ही सोम कुंड में भी स्नान करने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचेगे। कुल मिलाकर प्रशासन को दोहरी जिम्मेदारी निर्वहन करना होगी।
ज्योतिषियों ने बताया कि इस बार सोमवती अमावस्या बृहस्पति के केंद्र त्रिकोण योग में आ रही है। बृहस्पति को धर्म का कारक ग्रह बताया गया है। वहीं धन, ऐश्वर्य एवं संतान की वृद्धि और संतान की उत्पत्ति के लिए भी इस अमावस्या को विशेष माना जाता है। पितरों के निमित्त इस दिन का विशेष प्रयोग किया जा सकता है। ग्रह गोचर में सूर्य व चंद्र ग्रह का सिंह राशि में परिभ्रमण और मघा नक्षत्र पर संचरण विशेष रूप से साक्षी को दर्शाता है। यह स्थिति भी पितरों को प्रसन्न करने के लिए श्रेष्ठ और अनुकूल बताई जाती है। उनके निमित्त धर्म, दान करना चाहिए। यही नहीं, मध्य रात्रि में भगवती लक्ष्मी की साधना भी इस स्थिति का पूर्ण फल प्रदान करने में सक्षम है। इस दृष्टि से भी मनोनुकूल साधना करनी चाहिए। इससे मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है और घर में सुख-समृद्धि मिलती है।
क्या है सोमवती अमावस्या
सोमवार को पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहते हैं। ऐसा संयोग साल में 2 या कभी-कभी 3 बार भी बन जाता है। इस अमावस्या को हिन्दू धर्म में पर्व कहा गया है। इस दिन पूजा-पाठ, व्रत, स्नान और दान करने से कई यज्ञों का फल मिलता है।