शहडोल संभाग में ड्रोन की उड़ान पर ब्रेक
शहडोल। पहचान पत्र के रूप में पासपोर्ट की अनिवार्यता ने शहडोल संभाग में ड्रोन की उड़ान पर ब्रेक लगा दिया हैं। दरअसल, ड्रोन का प्रशिक्षण देने से पहले कृषि विभाग ने ड्रोन का प्रशिक्षण लेने वाले के पास पासपोर्ट की उपलब्धता अनिवार्य कर दी है। यही कारण है कि संभागीय मुख्यालय शहडोल में एक भी किसान के पास ड्रोन नहीं है।
खेत में कीटनाशक भरकर उड़ने वाले ड्रोन का पासपोर्ट की अनिवार्यता के सवाल पर उपसंचालक कृषि आरपी झारिया कहते हैं कि एक वैध परिचय पत्र के रूप में पासपोर्ट को ही मान्य किया गया है। किसानों को प्रशिक्षण लेने से पहले पासपोर्ट जमा कराना होता है। यही कारण है कि एक भी ड्रोन जिले में नहीं है। आदिवासी बहुल जिले में युवा चाहते हैं कि वे भी आधुनिक खेती में सहभागी बनें, लेकिन अजीब सी अनिवार्यता ने उनका मन खिन्न कर दिया है। उनका कहना है कि कागजी झंझट में फंसने से अच्छा है कि वे ड्रोन ना ही खरीदें। कृषि अभियांत्रिकी विभाग किसानों को ड्रोन दिलाना चाहता है, लेकिन पासपोर्ट की अनिवार्यता ने मुश्किल खड़ी कर रखी है। कीटनाशकों व खाद के छिड़काव के संबंध में ड्रोन ट्रेनिंग के लिए युवा एवं उद्यमी किसानों के पास पासपोर्ट होना अनिवार्य किया गया है। यह फैसला नागरिक उड्डयन महानिदेशक (डीजीसीए) की ओर से जारी दिशा निर्देशों के तहत लिया गया है। डीजीसीए पासपोर्ट को नागरिकता पहचान के लिए सबसे विश्वस्त दस्तावेज मानता है।