अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश, टॉवरों में लगे उपकरण चुराते थे
इंदौर। इंदौर की क्राइम ब्रांच पुलिस ने एक ऐसे अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश किया है जो मोबाइल कंपनियों के टॉवरों में लगे महंगे उपकरणों को चुराने का काम करते थे। पुलिस के अनुसार गिरोह के सदस्यों को पटना और दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया गया है।
हालांकि पुलिस का यह भी कहना है कि गिरोह ने दिल्ली ओर मेरठ में चुराए हुए उपकरण बेचे है। एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया के अनुसार, आरोपियों के नाम इमरान मलिक, उस्मान मलिक, अबिद मलिक तीनों निवासी मेरठ, राकेश उर्फ सचिन सिंह निवासी सहरसा बिहार और संजीव कुमार निवासी खगड़िया बिहार हैं। जिनके खिलाफ मोबाइल कंपनी के जनरल मैनेजर अंबरीश तिवारी ने शिकायत में बताया था कि आरोपियों ने प्रदेश के अलग-अलग शहरों में स्थित हमारी कंपनी के टावरों पर 5-जी नेटवर्क बढ़ाने के लिए लगने वाले उपकरण लगाने का ठेका लिया था। जहां काम पूरा करने के पहले ही पांचों आरोपियों ने 8 करोड़ के उपकरण जमा न करते हुए चुराकर भाग निकले थे। मोबाइल सर्विलांस के माध्यम से पुलिस को जानकारी लगी कि आरोपी बिहार, दिल्ली, छत्तीसगढ़, झारखंड, उत्तर प्रदेश, हरियाणा में घूम रहे हैं। जिसके बाद पुलिस ने पटना और दिल्ली में दबिश देकर आरोपियों को गिरफ्तार किया है। दंडोतिया के मुताबिक, आरोपी संजीव ने भोपाल और सचिन ने नांदेड़ से बीटेक परीक्षा पास है। इनकी गैंग के कई सदस्यों ने कई टेलिकॉम कंपनियों में मेंटेनेंस का काम किया है। उस्मान इंदौर और अन्य जिलों से चोरी का माल लेकर मेरठ में इमरान और आबिद के माध्यम से बेचता था। आरोपियों ने बताया कि चुराए गए रेडियो रिसीवर यूनिट की चीन और दुबई में भारी मांग है। इसलिए इन्होंने ये कीमती पार्ट्स चुराए थे।