डेंगू को खत्म करने के लिए इंदौर में ड्रोन का इस्तेमाल
इंदौर। इंदौर में डेंगू जैसी बीमारी को खत्म करने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया गया है। हालांकि इसके लिए स्वास्थ्य विभाग को सात लाख रूपए अभी तक खर्च करना पड़े है लेकिन विभागीय अफसरों का कहना है कि ड्रोन के माध्यम से 11 वर्ग किलोमीटर में लार्वा खोजकर उसे नष्ट कर दिया गया है। बता दें कि इंदौर प्रदेश का ऐसा पहला जिला बना है जहां मलेरिया विभाग ने डेंगू के मच्छरों के खात्मे के लिए ड्रोन का उपयोग किया।
ड्रोन के जरिये शहर की ऊंची इमारतों की छत पर जमा पानी में लार्वा ढूंढकर उसे खत्म करने वाले इस अभियान को स्वास्थ्य विभाग ने पायलट प्रोजेक्ट नाम दिया है। इस पायलट प्रोजेक्ट का मुख्य उद्देश्य ड्रोन के जरिये उन हाई रिस्क पर लार्वा खोजकर खत्म करना है, जहां स्वास्थ्य विभाग का पहुंचना आसान नहीं था। शहर में सैकड़ों ऐसी ऊंची बहुमंजिला इमारतें और बड़े शॉपिंग मॉल की छतें हैं, जहां मलेरिया विभाग की टीम चाहकर भी पहुंच नहीं सकती। इसलिए इस साल बारिश के दौरान पहली बार पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया। मलेरिया अधिकारी ने बताया कि इस प्रोजेक्ट के तहत सरकारी अवकाश को छोडक़र महज 23 दिनों में 11 वर्ग किलोमीटर एरिया में ऊंची इमारतों की छतों, वाटर टैंकों सहित अन्य हाई रिस्क स्पॉट वाले स्थानों पर लार्वा खोजकर उसे खत्म किया गया। मलेरिया विभाग के रिकार्ड के अनुसार जुलाई में ड्रोन ने 11 वर्ग किलोमीटर की हवाई उड़ान के दौरान 1150 ऐसे स्पॉट खोज निकाले, जहां पानी में लार्वा मौजूद था या वहां पनप सकता था। इनमें से हाई रिस्क स्पॉट पर ड्रोन के जरिये स्प्रे करके या फिर पायलट प्रोजेक्ट में शामिल उनकी ग्राउंड टीम द्वारा लार्वा को खत्म किया गया।