पल-पल लगते जाम से शहर का नहीं मिल पा रही मुक्ति

उज्जैन। महाकाल लोक बनने के बाद शहर में यातायात का दबाव बढ़ता जा रहा है। जिसको लेकर यातायात पुलिस योजना तैयार नहीं कर पा रही है। पुराने शहर के मार्गो की स्थिति तो बिगड़ी है, अब नया शहर भी जाम में फंसता दिखाई देने लगा। यातायात के जवान सिर्फ चालानी कार्रवाई में लगे रहते है। महाकाल मंदिर के विस्ताकरण और महाकाल लोक के लोकार्पण के बाद धार्मिक नगरी विश्व के पटल पर दिखाई देने लगी है। देश ही नहीं दुनियाभर से श्रद्धालुओं का आगमन हो रहा है। प्रतिदिन लाखों श्रद्धालुओं की संख्या दिखाई दे रही है। महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान की ओर से आने वाले वाहनों की संख्या भी दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। जिसके चलते शहर में पल-पल जाम के हालत बनते दिखाई दे रहे है। पुराना शहर तो 2 सालों से जाम में फंसा दिखाई दे रहा है, वहीं अब नये शहर के मार्गो पर भी जाम के हालत बनने लगे है। यातायात पुलिस द्वारा बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के साथ शहरवासियों को जाम से मुक्ति दिलाने में नाकाम दिखाई दे रही है। फ्रीगंज ब्रिज पार करते ही टॉवर पहुंचने पर कारो का काफिला खड़ा दिखाई देता है। ऐसे हालात प्रियदर्शनीय चौराहा से पुलिस कंट्रोलरूम की ओर जाने वाले सभी मार्गो के बने हुए है। फ्रीगंज क्षेत्र अघोषित पार्किंग स्टेंड बना दिखाई दे रहा है। जिसके चलते जाम की स्थिति बन रही है। यातायात पुलिस कभी इन मार्गो पर दिखाई ही नहीं देती है। लम्बा जाम लगने पर माधवनगर पुलिस को मोर्चा संभालना पड़ता है। फ्रीगंज ब्रिज की स्थिति बिगड़ने पर देवासगेट पुलिस को भी पहुंचना पड़ जाता है। सडको पर खड़े रहने वाले वाहनों से नये शहर के स्थिति बिगड़ती जा रही है। पुराना शहर तो यातायात के मामले में बाबा महाकाल के भरोसे है। देवासगेट बस स्टेंड से जाम की शुरूआत सुबह से होती है जो रात तक बनी रहती है। यहां की स्थिति को बिगाड़ने में यात्री बसों की भूमिका सबसे बड़ी है। उसके बाद ई-रिक्शा, मैजिक और आटो चालक दिनभर सवारी के चक्कर में अपने वाहनों को घूमाते रहते है। रेलवे स्टेशन, इंदौरगेट और गदापुलिय तक होटल वालों ने बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के वाहनों का पार्किंग स्टेंड सड़को पर बना लिया है। जाम के हालातों से मुक्ति के लिये यातायात पुलिस को इन क्षेत्रों को दौरा करना होगा।