सड़कों पर भटक रहे गौवंश के लिए जनसहयोग से होगा आंदोलन
सुसनेर। मुख्यमंत्री मोहन यादव की मंशानुसार मध्यप्रदेश शासन द्वारा प्रदेश के निराश्रित गौवंश के सरंक्षण हेतु यह वर्ष, गौरक्षा वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। जिसके तहत निराश्रित गौवंश को प्रदेश की गौशालाओ और गौ अभ्यारण में भेजा जाना है। इसके बावजूद क्षेत्र में बड़ी संख्या में सड़कों पर निराश्रित गोवंश सड़को पर भटकने को मजबूर हो रहे है, इसके साथ ही लगातार दुर्घटनाओं का शिकार हो रहे है। गायों को सुरक्षित आसरा दिलाने की मांग को लेकर मंगलवार को सुसनेर नगर के समस्त पत्रकार साथियों द्वारा मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन सुसनेर एसडीएम मिलिंद ढोके को सौंपा गया।
ज्ञापन में बताया गया कि आगर मालवा जिले की सुसनेर तहसील में 472 हेक्टेयर भुमि पर देश का पहला कामधेनु गौअभ्यारण मध्यप्रदेश सरकार द्वारा बनाया गया है, जिसमें शासन द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी अनुसार करीब 6000 गायों को रखे जाने हेतु 24 शेड का निर्माण भी वर्षो पुर्व किया जा चुका है। इसके अतिरिक्त क्षेत्र में दर्जनो गौशालाएं भी संचालित की जा रही है। शासन द्वारा इन सभी के व्यवस्थित संचालन हेतु अनुदान की राशी भी दी जा रही है। प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्तमान में इनमें पुर्ण क्षमता अनुसार हजारों गौवंश को ओर भी रखा जा सकता है। वर्तमान में गौअभ्यारण सहित कुछ गौशालाओ में क्षेत्र से बाहर व अन्य प्रांतो की भी गायों को लाकर रखा जा रहा है। जबकि सुसनेर क्षेत्र में सेकड़ो गोवंश सड़को पर भटक कर आए दिन दुघर्टनाओं का शिकार हो रहा है व भुख से पॉलीथिन आदि खाकर असमय काल के मुंह में समा रहा है। जिससे क्षेत्र में कभी भी अप्रिय स्थिति निर्मित होने की आशंका है। पुर्व में भी इसको लेकर कई बार नगर के सामाजिक संगठनो व नगरवासियों द्वारा प्रदर्शन किया गया है। जिस पर प्रशासन द्वारा सुसनेर नगर के समस्त गौवंश को गौ अभ्यारण भेजे जाने का आश्वासन दिया था परन्तु अब तक कोई ठोस कार्यवाही देखने को नहीं मिली है। ऐसे में पत्रकारों ने ज्ञापन के माध्यम से मांग की है कि सुसनेर क्षेत्र में सड़को पर भटक रहे निराश्रित गौवंश को कामधेनु गौ अभ्यारण व गौशालाओं में अतिशिघ्र 3 दिवस में आसरा दिलवाने की कार्यवाही प्रशासन द्वारा की जाए। अन्यथा क्षेत्रवासियों के सहयोग से चरणबद्ध आंदोलन किये जाने की चेतावनी ज्ञापन में दी ।