नगर निगम की मीटिंग में आवारा कुत्तों पर हंगामा

भोपाल। भोपाल नगर निगम की बैठक में भवनों की छतें किराए से देने के प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है। बैठक में तर्क दिया गया कि इससे निगम की आय बढ़ेगी। कांग्रेस पार्षदों के विरोध के बावजूद प्रस्ताव को सैद्धांतिक मंजूरी मिल गई। हालांकि, अगली बैठक में इसकी पूरी नियमावली पटल के सामने रखी जाएगी।
एमआईसी सदस्य जगदीश यादव ने निगम संपत्ति की छत को किराए पर देने का प्रस्ताव रखा। कांग्रेस पार्षद मोहम्मद अजीज और पार्षद देवांशु कंसाना ने इसका विरोध किया। उन्होंने मांग की, कि जोन और वार्ड कार्यालय की छत को किराए पर न दिया जाए। नेता प्रतिपक्ष शबिस्ता जकी ने कहा कि इसके कई पहलू हैं, इसलिए इस प्रस्ताव पर जल्दबाजी करना ठीक नहीं होगा। इससे पहले बैठक में आवारा कुत्तों को लेकर कांग्रेस पार्षद भड़क गए। प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस पार्षद नसीम गफूर ने पूछा कि पिछले बजट में स्ट्रीट डॉग्स के लिए एक करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया था। यह राशि कहां खर्च हुई? इस पर एमआईसी सदस्य आरके सिंह बघेल ने बताया कि नगर निगम कुत्तों के लिए बाड़े नहीं बनाता। इसके लिए पिंजरे बनाए जाते हैं, जो बनाए गए हैं। इस पर गफूर ने कहा कि इतना पैसा खर्च करने के बाद आवारा कुत्ते क्यों हैं? कांग्रेस पार्षद अशोक वाणी ने पूछा कि भोपाल में निगम की चार हजार किलोमीटर सड़कें हैं। बारिश के कारण सड़कें खराब हो गई हैं। सड़कों पर गड्ढों को लेकर महापौर मालती राय ने कहा कि सड़कों पर गड्ढों के रखरखाव के लिए जोन स्तर पर एक लाख रुपए दिए जाएंगे, ताकि कोटेशन के आधार पर सिविल वर्क कराया जा सके। इस मुद्दे पर निगम सभापति किशन सूर्यवंशी ने कहा कि इस बारिश से बहुत कुछ सीखने को मिलि है। कई जगहों पर पानी जमा हो गया है और सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं। निगम आयुक्त को अभी से देखना चाहिए कि इस बार पानी कहां जमा हुआ है? क्या-क्या समस्याएं पैदा हुई हैं? उन जगहों को चिन्हित करें और ऐसी व्यवस्था करें कि अगली बार यह समस्या न आए।