इंदौर में बनी दवाइयाँ 20 देशों तक होती हैं निर्यात

इंदौर। प्रदेश में औद्योगिक निवेश के माध्यम से रोजगार के अवसर बढ़ाने के प्रयास मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव लगातार कर रहे हैं। राज्य सरकार प्रदेश में संचालित औद्योगिक इकाइयों को विभिन्न योजनाओं के माध्यम से मदद कर रही है। कुछ औद्योगिक इकाइयों ने अपने उत्पादों की बिक्री के लिये विदेशों में भी बाजार ढूंढा है। इनमें से इंदौर की एक इकाई मॉडर्न लैबोरेटरीज भी है। अच्छे व्यापार के कारण वर्ष 2023 में एमएसएमई मंत्रालय के कार्यक्रम में इनके उद्योग को प्रथम पुरस्कार से सम्मानित भी किया जा चुका है।

इंदौर के खरया परिवार द्वारा शुरू किए गए व्यापार को इस तरह अपनाया कि दिन दोगुनी-रात चौगुनी तरक्की करता गया। खरया परिवार फार्मा इंडस्ट्री में जाना-पहचाना नाम है। मॉडर्न लैबोरेटरीज के मैनेजिंग पार्टनर अरुण खरया और अनिल खरया बताते हैं कि पिता प्रभातचंद्र ने वर्ष 1979 में इंदौर के सांवेर रोड औद्योगिक क्षेत्र में मॉडर्न लैबोरेटरीज शुरू की थी। इसके पूर्व उनके दादाजी भी मंडला में यही काम करते थे। वर्तमान में मॉर्डन लैबोरेटरीज एंटीबायोटिक्स, एंटीबैक्टीरियल, आंखों के ड्रॉप सहित 250 प्रकार की दवाइयाँ तैयार करती है। लैबोरेटरीज में विटामिन टैबलेट, दर्द निवारक, डायबिटीज की दवा सहित वैटनरी दवा भी तैयार की जा रही है। अभी तक भारत में विदेश से दवाएँ आयात की जाती थीं, लेकिन उनके परिवार ने कंपनी के व्यापार को नई ऊँचाइयों पर पहुँचाया और विदेश तक इंदौर में बनी दवाएँ पहुँचाने का काम किया। उनकी कंपनी वर्तमान में 20 देशों तक दवा का निर्यात कर रही है। अब इनकी कंपनी सांवेर रोड औद्योगिक क्षेत्र में 30 करोड़ रुपये की लागत से वैश्विक स्तर की सुविधा वाला दवा निर्माण प्लांट भी तैयार कर रही है। दवा निर्माण के अलावा खरया परिवार ने फार्मा एजुकेशन के क्षेत्र में कदम रखा और शैक्षणिक संस्थान की शुरुआत की। कंपनी एमबीए एवं अन्य कोर्स का संचालन कर रही है। अनिल बताते हैं कि पिता की स्मृति में हमने फार्मा इंस्टिट्यूट शुरू किया था। हमारे संस्थान में 1400 छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। इस तरह दवा निर्माण फैक्ट्री व शैक्षणिक संस्थान में 600 लोगों को रोजगार मिल रहा है।

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