सवारी पर रहेगी ड्रोन की नजर, 70 मंडलियां होंगी शामिल उमडी भीड सोमवती अमावस्या की,शाही सवारी में भी रहेगी -रविवार को भरी बरसात में भी तैयारियों का क्रम जारी रहा,बैठकें होती रही

दैनिक अवंतिका उज्जैन। भगवान श्री महाकालेश्वर की प्रमुख एवं शाही सवारी सोमवार अमावस्या  को निकाली जाएगी। सवारी में भगवान के सात स्वरूपों के दर्शन श्रद्धालु कर सकेंगे। अमावस्या पर सोम तीर्थ कुड में स्नान के साथ ही शाही सवारी के लिए रविवार से ही शहर में बडी संख्या में अंचल से श्रद्धालुओं की श्रद्धा उमड पडी है। यह श्रद्धा सोमवार को मंदिर,स्नान स्थल सोम तीर्थ एवं सवारी मार्ग में भी रहेगी।सोमवार प्रमुख  सवारी में 70 मंडलियां शामिल रहेंगी और सवारी अपने परंपरागत करीब 7 किलोमीटर का नगर भ्रमण करेंगी। सवारी की सुरक्षा के लिए जमीन पर 2 हजार सुरक्षा कर्मी मार्ग में रहेंगे तो आसमान से तीन ड्रोन से पूरी सवारी पर नजर रखी जाएगी। कंट्रोल रूम से पूरी सवारी को एक क्लिक में देखा जा सकेगा। सवारी के साथ ही मंदिर में दर्शनों के लिए पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या को नियंत्रित करने और सोमतीर्थ कुंड पर भी व्यापक व्यवस्थाएं की गई हैं। घाटों पर रविवार से ही एसडीआरएफ के जवानों की निगरानी शुरू कर दी गई है। नदी में पानी का बहाव रविवार अपरांह के उपरांत बढने लगा है।अंचल से उमडी श्रद्धा-रविवार सुबह से ही उज्जैन आने वाले यात्री वाहनों में अंचल से श्रद्धालुओं का आगमन होना शुरू हो गया था। बसों के साथ ही ट्रेनों में भी श्रद्धालुओं के उज्जैन स्टेशन पर आने की संख्या ज्यादा रही है बनिस्बत जाने वालों की संख्या के। इसी तरह से देवासगेट और रेलवे स्टेशन क्षेत्र से हाथ और सिर पर  पोटली रखकर नदी की और जाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या का आंकडा भी अच्छा खासा देखा गया है। रविवार से ही सोमतीर्थ कुंड में स्नान के लिए आने वालों का क्रम शुरू हो चुका था। इसी के साथ कुछ लोगों ने स्नान का क्रम भी शुरू कर दिया था। अंचल से आने वाले श्रद्धालुओं में महिलाओं की संख्या जत्थे के रूप में देखी गई है।ऐसा रहेगा सवारी का स्वरूप- श्री महाकालेश्वर भगवान की प्रमुख सवारी (शाही सवारी) के चल समारोह में सबसे आगे मंदिर का प्रचार वाहन रहेगा। उसके बाद यातायात पुलिस, तोपची, भगवान श्री महाकालेश्वर जी का रजत ध्वज, घुडसवार, विशेष सशस्त्र बल सलामी गार्ड, स्काउट / गाइड सदस्य , कांग्रेस सेवा दल , सेवा समिति बैंड के बाद उज्जैन के अतिरिक्त मध्यप्रदेश के विभिन्न शहरो से परंपरागत रूप से सवारी सम्मिलित होने वाली  70 भजन मंडलियां चल समारोह में प्रभु का गुणगान करते हुए व अपनी सेवाए देती हुई चलेंगी ।भजन मंडलियों के बाद नगर के साधू-संत व गणमान्य नागरिक, पुलिस बैंड, नगर सेना के सलामी गार्ड की टुकड़ी, मंदिर के पुजारी व पुरोहितगण सवारी के साथ रहेगे। किस स्वरूप के साथ कौनसा बैंड रहेगा-

स्वरूप                                      बैंड

श्री चंद्रमोलीश्वर की प्रमुख पालकी            भारत बैंड

श्री गरुड़ रथ पर श्री शिव-तांडव जी             रमेश बैंड

नंदी रथ पर श्री उमा महेश स्वरुप                गणेश बैंड

रथ पर श्री होल्कर स्टेट मुखारविंद             आर.के.बैंड

रथ पर श्री घटाटोप जी

रथ पर श्री सप्तधान मुखारविंद             राजकाल मुजिकल ग्रुप बैंड,

हाथी पर श्री मनमहेश स्वरुप सवारी के साथ एम्बुलेन्स, विद्दयुत मंडल का वाहन, फायर ब्रिगेड आदि भी सुरक्षा की दृष्टि से सम्पूर्ण सवारी मार्ग में साथ मे चलेगे | साथ ही सवारी मार्ग ओर अलग-अलग स्थानों पर भी व्यवस्था रहेगी |   धुलिया जनजाति गुदुम बाजा लोक नर्तक दल -सातवीं एवं प्रमुख शाही सवारी में जनजातीय लोक कला एवं बोली विकास अकादमी मध्यप्रदेश संस्कृति परिषद के माध्यम से मध्यप्रदेश के लालपुर, डिंडोरी जिले का आदिवासी धुलिया जनजाति गुदुम बाजा लोक नर्तक दल दिनेश कुमार भार्वे के नेतृत्व में पालकी के आगे भजन मंडलियों के साथ अपनी प्रस्तुति देते हुए चलेगा।गुदुम बाजा मध्यप्रदेश के डिंडोरी, मंडला, शहडोल आदि जिलो में रहने वाले जनजातियों का अत्यन्त पारम्परिक वाद्य है । गुदुम बाजा वाद्य के साथ किये जाने वाले मध्यप्रदेश के गौंड जनजातियों के नृत्य और भी आकर्षक लगते है । गुदुम बाजा जनजातीय समाज के मांगलिक उत्सवों, मडई मेला, धार्मिक उत्सवों इत्यादि अवसरों पर धुलिया जनजाति के पुरुष वर्ग द्वारा  स्वागत मंच आयोजकों की बैठक ले दिए  निर्देश-
रविवार को पुलिस कन्ट्रोल रूम में शाही सवारी में लगने वाले स्वागत मंच के संबंध में स्वागत मंच आयोजकों की वरिष्ठ पुलिस आधिकारियों ने बैठक ली । इस दौरान स्पष्ट कहा गया कि स्वागत मंच लगाने की अनुमति अनिवार्य रूप से ली जावे। स्वागत मंच को छोटा एवं मजबूत बनाया जावे। मंच पर जो हार्डिंग्स लगाते हैं वह मजबूत लोहे के एंगल पर लगा हो ताकि हवा में न उड़े, स्वागत मंच पर विधिवत् बिजली कनेक्शन लें, बिजली का तार कहीं पर भी कटा या खुला न हो इसका विशेष ध्यान रखें, स्वागत मंच जहां पर लगाए वहां दुकान / मकान मालिक को कोई आपत्ति न हो यह देख लें। स्वागत मंच से पालकी का पुष्पवर्षा से स्वागत करें, मंच से नारियल, लडडू, भारी चीजें पालकी पर न फेंके। स्वागत मंच पर स्वागत करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या पूर्व से निर्धारित रखें ,पालकी पर पेपर कटिंग व गुलाल आदि न उड़ावे। स्वागत मंच से धुएं का उपयोग न करे साथ ही मंच के पास डस्टबीन को पन्नी से बांधकर रखे आदि निर्देश दिए गए। बैठक में एएसपी नितेश भार्गव, डीएसपी विक्रम सिंह (यातायात), डीएसपी दिलीप सिंह परिहार (यातायात), सीएसपी ओम प्रकाश मिश्रा व स्वागत मंच आयोजकगण उपस्थित रहें। बेरिकेडस बांधने का काम शुरू-रविवार शाम से सवारी के करीब 7 किलोमीटर मार्ग में बेरिकेडस बांधने का काम की शुरूआत कर दी गई थी। इसके लिए पूर्व से ही बेरिकेडस सडकों पर रख दिए गए थे। इन बेरिकेडस को बांधने के लिए खडा करते हुए इन्हें आपस में सटाकर बांधा जा रहा था। कई स्थानों पर आवश्यकता के मान से गलियों को खुला रखा गया था।