खुले बोरिंग रखने वालों की अब खैर नहीं सम्बंधित भूमि स्वामी और बोरिंग मशीन संचालक के विरूद्ध एफआईआर दर्ज होगी मध्य प्रदेश खुले नलकूप में इंसानों के गिरने से होने वाले दुर्घटना की रोकथाम सुरक्षा विधायक 2024 लागू
दैनिक अवंतिका
उज्जैन .बोरिंग में गिर कर आए दिन होने वाली बच्चों की मृत्यु के कारण मध्यप्रदेश शासन ने कड़ा कानून बनाया है .खुले बोरिंग रखने वालों की अब खैर नहीं . ऐसे लोगो पर 10 से 25 हजार का जुर्माना लगेगा .बोरिंग में किसी के गिरने की दुर्घटना होने पर सम्बंधित भूमि स्वामी और बोरिंग मशीन संचालक के विरूद्ध एफआईआर दर्ज होगी . साथ ही बचाव के लिए किए गए सभी खर्चों की वसूली संबंधित से की जाएगी . मध्यप्रदेश संभवतः इस तरह का कानून बनाने वाला पहला राज्य होगा . ट्यूबवेल खनन के बाद असफल बोरिंग को खुला छोड़ देने वाले किसानों एवं बोरिंग मशीन संचालन करने वाले व्यक्तियों को अब कानून के दायरे में लाकर मध्य प्रदेश शासन ने सख्त कानून बना दिए हैं .इसके तहत यदि खुले बोरिंग कहीं पाए जाते हैं तो प्रथम अपराध पर 10 हजार तथा दूसरे अपराध पर 25 हजार का जुर्माना लगेगा . बोरिंग का मुह खुला छोड़ने पर यदि दुर्घटना में किसी बच्चे की मृत्यु होती है तो दोष सिद्धि पर धारा 100 ,105 ,106 तथा 110 के अधीन दंडित किया जाएगा .साथ ही दुर्घटना के दौरान किसी भी व्यक्ति के बचाव के लिए किए गए व्यय का ड्रिलिंग बोरवेल मालिक या भूमि स्वामी से भू राजस्व बकाया के रूप में वसूला जाएगा.
मध्यप्रदेश शासन की ओर से इस मामले में गंभीर संज्ञान लेते हुए मध्य प्रदेश खुले नलकूप में इंसानों के गिरने से होने वाले दुर्घटना की रोकथाम सुरक्षा विधायक 2024 को 21 अगस्त से लागू कर दिया गया है.
इस अधिनियम में कई प्रावधान किए गए हैं . यह तय किया गया है कि बोरिंग मशीन संचालक को बोरिंग की ड्रिलिंग करने के पूर्व पोर्टल पर डाटा भरना होगा और बोरिंग की अनुमति प्राप्त करना होगी .साथ ही ड्रिलिंग स्थल पर बोरिंग कंपनी का नाम व भूमि स्वामी का नाम भी प्रदर्शित करना अनिवार्य किया गया है. संबंधित व्यक्ति और इस कानून का उल्लंघन करने पर अधिनियम की धारा 4 ,4.1 तथा 4.3 के तहत कार्रवाई की जाएगी .अधिनियम के उल्लंघन करने पर ड्रीलिंग कंपनी और भूमि स्वामी के विरुद्ध एफ आई आर दर्ज होगी.
शिकायतकर्ता को पुरसस्कृत किया जायेगा
अधिनियम में प्रावधान किया गया है कि शासकीय पदाधिकारी खुले बोरिंग के संबंध में किसी व्यक्ति या स्व प्रेरणा से रिपोर्ट या शिकायत प्राप्त होने पर संज्ञान लेगा .प्रतिवेदन प्राप्त होने पर संबंधित सक्षम अधिकारी को रिपोर्ट देगा .यदि शिकायत सही पाई जाती है तो शिकायतकर्ता नियम अनुसार पुरस्कार के लिए पात्र होगा.
राज सरकार शीघ्र इस अधिनियम के प्रयोजन को क्रियान्वित करने हेतु नियम ,विनिमय और विधियां जारी करेगी .