आज शाम राजाधिराज महाकाल की शाही सवारी
उज्जैन। आज सोमवार को राजाधिराज महाकाल की शाही सवारी शाम 4 बजे महाकाल मंदिर से शुरू होगी। सोमवती अमावस्या के साथ सवारी का संयोग होने से बीते दिन से ही उज्जैन में आस्थावानों का तांता लगा हुआ है।
अब तक बाबा के नगर भ्रमण के दौरान 1500 पुलिसकर्मियों की तैनाती की जाती थी, लेकिन शाही सवारी में 2000 से 2500 पुलिसकर्मियों और अधिकारियों की तैनाती की जाएगी। सवारी मार्ग पर ड्रोन से नजर रखी जाएगी और ऊंची बिल्डिंगों पर दूरबीन से निगरानी रखने वाले पुलिसकर्मियों की संख्या भी बढ़ाई गई है। देशभर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए पार्किंग व्यवस्था की जिम्मेदारी यातायात पुलिस पर है। महाकालेश्वर मंदिर से परंपरा अनुसार दोपहर चार बजे शाही सवारी की शुरुआत होगी। अवंतिकानाथ करीब छह घंटे नगर भ्रमण करेंगे। रात 10 बजे पालकी के मंदिर पहुंचने का समय निर्धारित है। पूर्व में कई बार भीड़ की अधिकता, सवारी में शामिल दलों के धीमी गति से चलने आदि कई कारणों से पालकी रात 10.30 बजे के बाद मंदिर पहुंची है। भक्तों को बाबा महाकाल सात अलग-अलग रूपों में दर्शन देंगे । रजत पालकी में श्री चन्द्रमौलेश्वर, हाथी पर श्री मनमहेश, गरूड़ रथ पर शिवतांडव, नन्दी रथ पर उमा-महेश और डोल रथ पर होल्कर स्टेट के मुखारविंद, श्री घटाटोप मुखोटा स्वरूप और सप्तम सवारी में श्री सप्तधान का मुखारविंद शामिल रहेगा । प्रमुख सवारी के चल समारोह में सबसे आगे मंदिर का प्रचार वाहन चलेगा। प्रचार वाहन के पीछे यातायात पुलिस, तोपची, भगवान महाकालेश्वर का रजत ध्वज, घुड़सवार, विशेष सशस्त्र बल, सलामी गार्ड, स्काउट गाइड सदस्य, कांग्रेस सेवा दल, सेवा समिति बैंड, विभिन्न शहरों की 70 भजन मंडलियां चल समारोह में प्रभु का गुणगान करते हुए चलेंगी। उसके बाद साधु-संत और आम लोग, पुलिस बैंड, नगर सेना सलामी गार्ड की टुकड़ी, श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी और पुरोहितगण शाही सवारी के साथ रहेंगे।