एमपी सरकार ने तैयार किया लोक सुरक्षा कानून का प्रारूप

भोपाल। एमपी की डॉ. मोहन यादव सरकार ने लोक सुरक्षा कानून का प्रारूप तैयार किया है। इसके तहत सूबे के सभी सार्वजनिक स्थानों की सुरक्षा को पुख्ता करना है और सरकार ने सार्वजनिक स्थानों पर निगरानी चौकस रखने के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाना अनिवार्य कर दिया है।
इसे विधानसभा का मानसून सत्र निर्धारित समयावधि से पहले ही सत्र समाप्त होने के कारण प्रस्तुत नहीं किया जा सका था। अब गृह विभाग ने अध्यादेश के माध्यम से इसे लागू करने की तैयारी की है और प्रारूप को परिमार्जन के लिए विधि विभाग को भेजा है। प्रदेश में कॉलेज, स्कूल, मॉल, रेस्टोरेंट, अस्पताल सहित ऐसे स्थान, जहां सौ से अधिक लोग इकट्ठा होते हैं, वहां संचालकों को सीसीटीवी कैमरे लगाने होंगे। इस पर होने वाला व्यय भी संचालकों को भी वहन करना होगा। दरअसल, इस व्यवस्था की आवश्यकता इसलिए पड़ी क्योंकि जांच के दौरान पुलिस को जब भी रिकॉर्डिंग की आवश्यकता होती थी तो यह बात सामने आती थी कि सीसीटीवी कैमरे नहीं हैं या फिर रिकॉर्डिंग सुरक्षित नहीं रखी जाती है। प्रस्तावित लोक सुरक्षा कानून में यह प्रविधान किया जा रहा है कि संचालकों को सीसीटीवी कैमरों की रिकार्डिंग दो माह तक सुरक्षित रखना अनिवार्य होगा। तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर गृह विभाग ने इसकी कवायद प्रारंभ की थी। तत्कालीन अपर मुख्य सचिव गृह डॉ. राजेश राजौरा ने तेलंगाना के सीसीटीवी कैमरे लगाने और उसका डाटा सुरक्षित रखने संबंधी कानून का अध्ययन कराकर प्रारूप तैयार कराया था। विधि विभाग द्वारा परिमार्जित करने के बाद इसे कैबिनेट के माध्यम से राज्यपाल मंगुभाई पटेल की अनुमति के लिए भेजा जाएगा।