मध्य क्षेत्रो की बैठकों में संघ परिवार का आदिवासी अंचल को मजबूत करने का लक्ष्य

सोशल इंजीनियरिंग के जरिए एक एक जगह पेठ बनाने की रणनीति

 

इंदौर।राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मध्य क्षेत्र की महत्वपूर्ण बैठक पिछले दिनों समिधा में संपन्न हुई। इसमें संघ के चारों प्रांतों के शीर्ष पदाधिकारियों के अलावा भाजपा के कतिपय शीर्ष संगठन पुरुषों ने हिस्सा लिया। सूत्रों के अनुसार इस बैठक में खास तौर पर आदिवासी अंचल में चल रही विभिन्न संगठनों की गतिविधियों के बारे में चर्चा की गई।

आदिवासी अंचल में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के अलावा जयस और बिरसा मुंडा ब्रिगेड भी आरएसएस सक्रिय है। इन पार्टियों ने लड़ा था।
गोंडवाना गणतंत्र पार्टी जहां महाकोशल में सक्रिय है। वही बिरसा मुंडा ब्रिगेड प्रदेश के विंध्य, महाकोशल और मालवा निमाड़ अंचल के आदिवासी क्षेत्र में अपने पैर पसारने की कोशिश कर रही है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की मुख्य चिंता यह है कि ये संगठन आदिवासियों को हिंदू समाज से अलग अ करने की बात करते हैं। संघ ने जनजातीय सुरक्षा मंच के माध्यम से धर्मांतरित ईसाइयों को आरक्षण देने के खिलाफ डीलिस्टिंग आंदोलन चला रखा है।

इस अभियान का विरोध ये संगठन करते हैं। सूत्रों के अनुसार बैठक में भाजपा नेताओं से कहा गया कि आदिवासी अंचल में अधिक से अधिक फोकस किया जाए। सनद रहे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की मध्य क्षेत्र इकाई के अंतर्गत छत्तीसगढ़, मध्य भारत, मालवा और महाकोशल प्रांत आते हैं। संघ परिवार इन चारों प्रांतों में अपना नेटवर्क मजबूत कर रहा है। इस बैठक में पिछले दिनों नागपुर की बैठक में हुए निर्णयों को अमल में लाने पर चर्चा की गई।

संघ देश में शाखाएं बढ़ाने पर जोर दे रहा है। बैठक में कहा गया कि देश के युवा को जोड़ने के लिए शाखाओं का विस्तार होना जरुरी है। बैठक में बताया गया कि संघ के अगले साल 100 वर्ष पूरे हो जाएंगे।
फिलहाल देशभर में 73 हजार से ज्यादा शाखाएं संचालित हो रही हैं। एक वर्ष में इसे एक लाख तक करने का लक्ष्य रखा गया है। मध्य क्षेत्र के चारों प्रांतों में शाखाओं के विस्तार करने को कहा गया है।
सूत्रों का कहना है कि केंद्र सरकार जन गणना की भी तैयारी कर रही है। संघ अभियान चलाएगा कि आदिवासी जनगणना के दौरान धर्म के कॉलम में खुद को हिंदू बताएं। बैठक में आदिवासी यो के बीच चल रहे धर्मांतरण अभियान की भी चर्चा की गई।