महाकाल की राजसी सवारी में सक्रिय दिखे बदमाश मंगलसूत्र झपटने वाले 2 बदमाशों को लोगों ने पीछा कर पकड़ा

दैनिक अवंतिका
उज्जैन। बाबा महाकाल की राजसी सवारी में सोमवार को आस्था की भीड़ में बदमाशों की मौजूदगी बनी रही। हरसिद्धी मंदिर के पास महिला का मंगलसूत्र झपटने वाले 2 बदमाशों को पीछा कर पकड़ लिया गया। बावजूद 2 थानों की सीमा में मोबाइल-पर्स चोरी की वारदात होती रही।
बाबा महाकाल की राजसी सवारी के साथ सोमवती अमावस्या का संयोग बना था। ग्रामीण क्षेत्रों से हजारों की संख्या में श्रद्धालु आस्था का नहान करने पहुंचे थे। जो शाम को बाबा महाकाल की सवारी में देशभर से आये श्रद्धाुलओं के साथ शामिल होने के लिये पहुंचे। सवारी में मार्ग पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे। महाकाल मंदिर के आसपास पैर रखने की जगह दिखाई नहीं दे रही थी। आस्था की भीड़ में बदमाश भी पहुंच गये। हरसिद्धी मंदिर के पास ग्राम गांवडी से परिवार के साथ सवारी में शामिल होने पहुंची इंदिराबाई के साथ धक्का मुक्की के दौरान एक बदमाश ने मंगलसूत्र झपट लिया। गले में झटका लगते ही इंदिराबाई ने पीछा मुड़कर देखा और भाग रहे बदमाश की दौड़कर शर्ट पकड़ ली। बदमाश का दूसरा साथी मंगलसूत्र लेकर भागने का प्रयास कर रहा था, उसी दौरान लोगों की भीड़ के साथ क्रिस्टल कंपनी के सुरक्षा गार्डो ने बदमाश को दबोच लिया। बदमाशों को महाकाल मंदिर चौकी लाया गया, जहां से महाकाल थाने भेजा गया। बदमाशों से मंगलसूत्र बरामद कर लिया गया है। पुलिस ने बदमाशों के खिलाफ स्नेचिंग का प्रकरण दर्ज किया है। बदमाश मंदसौर के रहने वाले सुनील और लालसिंह होना सामने आये है। जिनसे पूछताछ की जा रही है। पुलिस दोनों से उनकी गैंग में शामिल सदस्यों का पता लगाने की कोशिश में भी लगी हुई है।
सबसे अधिक चोरी हुए पर्स-मोबाइल
राजसी सवारी के दौरान पहुंचे बदमाशों ने सबसे अधिक पर्स और मोबाइल पर हाथ साफ किया। महाकाल थाने पर 20 से 25 पर्स चोरी होने के साथ 30 से 40 मोबाइल चोरी के मामले पहुंचे थे। खाराकुआ पर 5-6 मोबाइल के साथ एक श्रद्धालु ने पर्स चोरी की शिकायत की। पुलिस ने चोरी की जगह श्रद्धालुओं से गुम होने की शिकायत दर्ज कराने को कहा। थानों में एक फार्म पहले से ही तैयार रखा गया था। जिस पर श्रद्धालुओं का नाम-पता और गुम सामान का उल्लेख कर उनके हस्ताक्षर करा लिये गये। इस बीच पुलिस ने कुछ संदिग्धों को हिरासत में लिया था, लेकिन उनके पास से कुछ बरामद नहीं हो पाया था। कई श्रद्धालु तो भीड़ और थाने तक जाने का रास्ता नहीं मिलने पर बिना शिकायत ही लौटने को मजबूर हो गये।
ड्रोन-दूरबीन नहीं आ सके काम
श्रावण-भादौ मास में बाबा महाकाल की सात सवारी निकाली गई। हर सवारी में पुलिस प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा और व्यवस्था को लेकर सवारी में मार्ग पर डेढ़ से दो हजार पुलिस कर्मियों की तैनाती के साथ ड्रोन-दूरबीन से नजर रखने की बात कहीं। लेकिन पुलिस की नजर बदमाशों तक नहीं पहुंच पाई। बदमाश लगातार पुलिस की सुरक्षा-व्यवस्था को चुनौती देकर वारदात करते रहे। सात सवारी के दौरान 12 से 15 चैन चोरी के मामले सामने आये। वहीं मोबाइल पर्स चोरी की संख्या इतनी अधिक रही की पुलिस आवेदन लेकर थक गई।
डेढ़ माह गुजरा नहीं मिला बड़ा सुराग
22 जुलाई को श्रावण मास की पहली सवारी निकाली गई थी। पहली सवारी में ही बदमाशों ने पुलिस को बड़ी चुनौती दी थी, सौ से ज्यादा मोबाइल-पर्स चोरी हुए थे। उसके बाहर हर सवारी में चैन, मंगलसूत्र के साथ पर्स-मोबाइल की शिकायत थानों में पहुंचती रही। डेढ़ माह में पुलिस को बड़ी सफलता हाथ नहीं लग पाई। एक चेन चोरी के मामले में महिला को गिरफ्तार किया था, वहीं राजसी सवारी के दौरान मंगलसूत्र झपटने वाले 2 बदमाशों को महिला और लोगों की मदद से पकड़ा गया। पुलिस सात सवारी के दौरान चोरी हुए मोबाइल की लोकेशन तक नहीं ट्रेस नहीं कर पाई।

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