जिले में भी भुगतान की राह देख रहे किसान
उज्जैन। प्रदेश सरकार ने पूरे प्रदेश के साथ ही जिले के किसानों से समर्थन मूल्य पर भले ही मूंग की खरीदी कर ली हो लेकिन जानकारी यह सामने आ रही है कि जिले के ऐसे सैकड़ो किसान है जिन्हें मूंग खरीदी के बाद भुगतान नहीं हो सका है। जबकि सीएम डॉ. मोहन यादव ने अफसरों को सात दिनों में भुगतान करने के निर्देश दे रखे है।
बता दें कि सरकार ने किसानों से समर्थन मूल्य पर मूंग की खरीदी की है लेकिन किसानों की शिकायत है कि उनके बाद वाले किसानों को तो भुगतान हो गया है परंतु उन्हें राशि का भुगतान नहीं हो सका है। किसानों ने अपनी पीड़ा सूबे के मुखिया तक भी पहुंचाई है। किसानों को लग रहा था कि सरकार किसानों के खातों में सात दिन के अंदर उपज का भुगतान भी कर देगी। लेकिन मूंग को हुए अब एक माह का समय होने जा रहा है , लेकिन अभी तक उनके खातों में एक ढेला भी नहीं पहुंचा है। ऐसे में किसानों को नई फसल के लिए इधर-उधर से पैसों की तो जुगाड़ करनी ही पड़ रही है साथ ही उन्हें पैसों के आने के इंतजार में बैंकों के भी चक्कर काटने पड़ रहे हैं। अहम बात यह है कि संबधित अफसर भी उन्हें यह नहीं बता रहे हैं कि आखिर उनके खातों में पैसा कब आएगा। गौरतलब है कि इस वर्ष प्राइस सपोर्ट स्कीम के तहत शासन द्वारा 24 जून से 31 जुलाई तक ग्रीष्मकालीन मूंग खरीदी किए जाने के आदेश जारी किए गए थे। लेकिन मूंग उपार्जन का कार्य खरीदी का काम 15 दिन की देरी से शुरू हुआ। इसके चलते किसानों को लंबा इंतजार करना पड़ा। खरीदी शुरू भी हुई और किसानों ने स्लॉट बुकिंग भी की, लेकिन गोदामों पर स्लॉट बुकिंग फुल होने से कई किसान अंतिम तिथि तक मूंग का विक्रय करने से वंचित रह गए। जिन किसानों ने मूंग का विक्रय किया इनमें से आधे किसानों के खातों में ही मूंग का भुगतान हो सका है। केंद्र सरकार द्वारा तय लक्ष्य के अनुसार किसानों को 61.48 फीसदी यानी 613 करोड़ में से 377 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है। अब भी 236 करोड़ का भुगतान किसानों को होना शेष है। ऐसे में किसान लगातार बैंकों में अपने खातों की जानकारी ले रहा है, लेकिन खातों में राशि न आने से वह मायूस दिखाई दे रहा है। किसानों को भुगतान कब तक प्राप्त होगा, इस बारे में अधिकारी भी किसानों को संतुष्ट नहीं कर पा रहे हैं।