उज्जैन जिले के ग्रामीण इलाकों में भी बढ़ा होम स्टे का क्रेज, ग्रामीणों को आय के नये स्त्रोत…भाषा और पारंपरिक भोजन
उज्जैन। एमपी टूरिज्म विभाग ने ग्रामीण क्षेत्रों में भी होम स्टे योजना को क्रियान्वित किया है और इसका लाभ अब प्रदेश के अन्य शहरों के साथ ही उज्जैन जिले के ग्रामीण इलाकों में भी ग्रामीणों को मिल रहा है।
विलेज टूरिज्म शुरू होने से जिले के ग्रामीणों को भी न केवल आय के नये स्त्रोत मिले है वहीं उज्जैन महाकाल दर्शन के लिए देश विदेश से आने वाले लोग भी आस पास के इलाकों में ही होम स्टे में रूककर यहां की भाषा और पारंपरिक भोजन का आनंद लेना नहीं भूलते है।
वन क्षेत्र, प्राकृतिक सौंदर्य और धार्मिक तथा ऐतिहासिक महत्व के कारण मप्र हमेशा से पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र रहा है। वहीं मप्र टूरिज्म विभाग ने जबसे होमस्टे योजना शुरू की है तब से ग्रामीण पर्यटन का क्रेज तेजी से बढ़ा है। ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यटन बढऩे से अब गांव की अर्थ-व्यवस्था को मजबूती मिल रही है। अब तक प्रदेश में 306 होमस्टे बन चुके हैं। इनमें से 44 गांव में 140 होमस्टे बनाए गए हैं, जिन्हें किसानों और ग्राम वासियों ने अपने ही खेत या निवास के पास की जमीन पर बनाया है। सभी होमस्टे मप्र पर्यटन विभाग द्वारा पंजीकृत हैं। 2026 तक विभाग का लक्ष्य एक हजार होम स्टे बनाने का है। मप्र पर्यटन के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है। जनवरी 2023 से दिसंबर 2023 तक प्रदेश में 11 करोड़ 21 लाख पर्यटक पहुंचे, जिनमें विदेशी पर्यटकों की संख्या 1 लाख 83 हजार रही। इनमें उज्जैन जैसा धार्मिक शहर भी शामिल है। विलेज टूरिज्म शुरू होने से ग्रामीणों की आय का नया जरिया बना है। उज्जैन, भोपाल, इंदौर, ओरछा, छिंदवाड़ा, ओंकारेश्वर, चित्रकूट, मैहर, अमरकंटक और देवास होमस्टे के लिए भाषा और अलग-अलग पारंपरिक भोजन हैं। यहां पर ही आसपास का गांव में 41 होमस्टे हैं।