उज्जैन में भी ऐसे कई बड़ेबकायादार है जो बिल जमा नहीं करते है, अब बड़े बकायादारों पर शिकंजा कसने की तैयारी कर रही बिजली कंपनी

घाटे में चल रही बिजली कंपनी का बिल वसूली का नया फंडा

उज्जैन। घाटे में चल रही बिजली कंपनी अब अपनी भरपाई करने के लिए बड़े बकायादारों पर शिकंजा कसने की तैयारी कर रही है। दरअसल अभी तक होता यह रहा है कि कंपनी का जोर सिर्फ छोटे बकायादारों पर ही रहता था अर्थात बड़े बकायादारों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती थी लेकिन अब ऐसे डिफाल्टरों के नाम सार्वजनिक करने की तैयारी है जो लंबे समय से बिजली का बिल जमा नहीं कर रहे है। बता दें कि उज्जैन में भी ऐसे कई बड़ेबकायादार है जो बिल जमा नहीं करते है और कंपनी ऐसे उपभोक्ताओं को कई बार नोटिस भी दे चुकी है बावजूद इसके बिल की राशि जमा नहीं होती है।
बकायादारों से वसूली का नायाब तरीका बिजली विभाग ने इजाद किया है।

 लंबे समय से बिल अदा नहीं कर रहे उपभोक्ताओं के नाम अब चौराहों पर चस्पा किए जाएंगे। इस क्रिया का मकसद बकायेदारों को सामाजिक तिरस्कार के दबाव के साथ बिल अदा करने के लिए प्रेरित करना बताया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक मप्र विद्युत वितरण कंपनी ने प्रदेशभर में इस तरह के प्रयोग करने का निर्णय लिया है। इसकी शुरुआत बैतूल जिले से कर दी गई है। बताया जा रहा है कि लगातार घाटा झेल रही बिजली कंपनी अपने डिफाल्टर उपभोक्ताओं से परेशान है। इसके चलते यह नया प्रयोग किया गया है। इसके तहत बकायादार उपभोक्ता के संबंधित मुहल्ले या शहर अथवा गांव के बड़े चौराहे पर लिस्ट चस्पा की जाएगी।  विभागीय अधिकारियों का कहना है कि बकायेदारों की वजह से उन उपभोक्ताओं को भी मुश्किलें उठाना पड़ रही हैं, जो समय पर बिल अदा कर रहे हैं। बार-बार तगादा करने और कनेक्शन विच्छेद जैसी कार्रवाई के बाद भी यह उपभोक्ता बकाया राशि का भुगतान नहीं कर रहे हैं। कंपनी अधिकारियों का मानना है कि हर व्यक्ति की एक सामाजिक प्रतिष्ठा होती है। चौराहों पर नाम चस्पा होने के डर से डिफाल्टर उपभोक्ता बिल जमा करने की दिशा में सकारात्मक कदम बढ़ाएंगे। मप्र विद्युत वितरण कंपनी के उठाए इस कदम से उपभोक्ताओं में नाराजगी दिखने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता पंकज शर्मा का कहना है कि कंपनी और उपभोक्ता का रिश्ता सेवा आदान प्रदान का है। बकायादारों से वसूली उसका निजी काम है। सामाजिक तिरस्कार के हालात बनाए जाना मानवीय अधिकारों का हनन है।

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